बेगलुरु:लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) और भारतीय जनता पार्टी के बीच हुए समझौते को अभी एक दिन नहीं गुजरे थे कि जेडीएस को बेहद तगड़ा झटका लगा है।
पार्टी सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा ने बीते शुक्रवार को जैसे ही ऐलान किया कि कर्नाटक में उनकी पार्टी भाजपा के साथ खेमेबंदी करके 2004 का लोकसभा चुनाव लड़ेगी, पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस फैसले के प्रति नाराजगी जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार कर्नाटक में जेडीएस उपाध्यक्ष सैयद शैफुल्ला ने 2024 के चुनाव के लिए पार्टी द्वारा भाजपा का दामन थामने को गलत फैसला बताते जेडीएस छोड़ने का ऐलान कर दिया है।
जेडीएस के वरिष्ठ नेता शफीउल्ला ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए कहा, "जेडीएस एनडीए के साथ गठबंधन करके एक ऐसे गुट में शामिल हो गई है जो समुदायों और जातियों के बीच दरार पैदा करती है। मैं पिछले 30 वर्षों से जेडीएस के साथ था। हमारी पार्टी में धर्मनिरपेक्ष साख पर कायम है और हमने अपने मतदाताओं और और आम जनता के बीच हमेशा उन सिद्धांतों का प्रचार किया है।"
जेडीएस नेता शफीउल्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "अब अगर मेरी पार्टी एक ऐसी पार्टी से हाथ मिला रही है, जो समुदायों और जाति के बीच दरार पैदा करती है। जो धर्म के आधार पर चुनावी प्रचार करती है और सांप्रदायिक एजेंडे पर काम करती है, तो धर्मनिरपेक्ष नेता होने के नाते हम इसका विरोध करते हैं।"
इतना ही नहीं कर्नाटक में भाजपा शासन के दौरान घटी घटनाओं का परोक्ष हवाला देते हुए शैफुल्ला ने कहा, "जिस तरह से हमने कर्नाटक में भाजपा का शासन देखा है, उस तरह से हमारे देश की प्रगति नहीं होगी। धर्मनिरपेक्ष ताकतें बीजेपी से सहमत नहीं होने वाली हैं क्य़ोंकि ये लोगों के बीच दरार पैदा करती है।"
उन्होंने कहा कि जेडीएस-भाजपा गठबंधन में उनका रह पाना बेहद मुश्किल है। शैफुल्ला ने कहा, "मेरे लिए यह बेहद मुश्किल है, यहां तक कि यह जीवित रहने के लिए भी मुश्किल है, मेरे जैसे लोगों को देश में जिस तरह की मानसिक स्थिति और नफरती माहौल है, के प्रसार के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल लगता है।"