Bihar LS polls 2024: लोकसभा चुनाव में बिहार में इस बार दल बदलकर राजद में आने वाले नेताओं को काफी लाभ हुआ दिख रहा है। जदयू छोड़कर कुछ ही दिनों पहले राजद में आए अभय कुशवाहा को पार्टी ने औरंगाबाद से चुनाव मैदान में उतार दिया तो चुनाव के दौरान ही जदयू छोड़कर राजद में आईं बीमा भारती को राजद ने पूर्णिया से टिकट दे दिया। वहीं, वैशाली से राजद के टिकट पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे मुन्ना शुक्ला पिछले विधानसभा चुनाव में लालगंज से निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उसी तरह मुंगेर से चुनावी मैदान में उतरीं अनीता देवी भी पहले राजद की सदस्य नहीं थीं। हाल में ही उन्होंने बाहुबली अशोक यादव से विवाह रचाया और राजद का टिकट हासिल कर लिया। हालांकि ऐसा नहीं कि दलबदलू नेताओं को केवल राजद ने ही ठिकाना दिया है।
वहीं, एनडीए में शामिल चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने भी जमुई से अपने किसी कार्यकर्ता पर भरोसा नहीं जताया। चिराग ने यहां से अपने बहनोई अरुण भारती को प्रत्याशी बना दिया। जबकि अरुण भारती की मां ज्योति देवी कांग्रेस की पूर्व विधायक व मंत्री रह चुकी हैं। इसी प्रकार समस्तीपुर सीट से जदयू के वरिष्ठ नेता व मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को चुनाव मैदान में उतार दिया।
हालांकि जदयू ने अपने 13 पुराने सांसदों पर ही भरोसा जताया। लेकिन पार्टी ने सीवान से विजयलक्ष्मी को टिकट दिया है। जबकि शिवहर से पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को चुनाव मैदान में उतारा है। लवली आनंद कुछ ही दिनों पहले राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुई थीं। इस चुनाव में कई नेता ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी सुविधा के लिए पार्टी तो बदल ली, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी।
पूर्णिया सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे पप्पू यादव अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। लेकिन महागठबंधन में हुए सीट बंटवारे में पूर्णिया सीट राजद के खाते में चली गई। इसलिए पप्पू यादव को बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरना पड़ा।
उधर, महागठबंधन की प्रमुख घटक दल राजद ने अपने खाते की सीट सीवान के लिए अपने प्रत्याशी की घोषणा अभी नहीं की है। वह दिवंगत बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को नाराज नही करना चाहती। हालांकि हिना शहाब ने राजद से बगावती तेवर दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
वैसे राजद अभी भी उन्हें मनाने का प्रयास कर रही है। वहीं राजद के टिकट पर विधायक अवध बिहारी चुनाव लडने के तैयारी कर रहे हैं। इसी प्रकार विकासशील इंसान पार्टी ने भी अपने खाते की तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किए हैं।
जबकि कांग्रेस भी अपनी नौ सीटों में से सिर्फ तीन सीटों के लिए ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकी है। ऐसे में आयातित नेताओं को अभी भी ठिकाना मिलने की आस है। उधर, पार्टियों के लिए समर्पित नेता-कार्यकर्ता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।