मुंबई: पिछले साल उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई में आवास के बाहर मिले विस्फोटकों से लदी गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के मामले में जांच कर रही एनआईए ने बड़ा दावा किया है। एनआईए ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा कि मनसुख हिरेन की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा है।
एनआईए ने कोर्ट में दायर हलफनामे में ये भी कहा कि निलंबित मुंबई पुलिस अफसर सचिन वाझे से हिरेन की हत्या के लिए प्रदीप शर्मा ने 45 लाख रुपये लिए थे। प्रदीप शर्मा की ओर से जमानत के लिए दी गई याचिका के जवाब में एनआईए ने ये बातें अदालत से कही है।
गौरतलब है कि दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला आवास ‘एंटीलिया’ के पास पिछले साल 25 फरवरी को जिलेटिन की 20 छड़ों के साथ एक स्कॉर्पियो कार मिली थी। पुलिस ने कहा था कि वाहन को एयरोली-मुलुंड पुल के पास से आठ फरवरी को चुराया गया था। बाद में इस वाहन के मालिक की पहचान मनसुख हिरेन के तौर पर हुई।
हालांकि कुछ दिन बाद ही हिरेन ठाणे में मुंबई-रेती बंदर रोड पर खाड़ी के किनारे एक सुबह मृत पाए गए। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने तब गाड़ी चोरी के मामले में हिरेन का बयान भी दर्ज किया था। वाहनों के पुर्जों का कारोबार करने वाले हिरेन ने कहा था कि अपनी कार चोरी होने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दी थी।
प्रदीप शर्मा की याचिका पर 17 जुलाई को अगली सुनवाई
बहरहाल, मामले में जस्टिस ए एस चांदुरकर और जस्टिस जी ए सनप की खंडपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की है। एनआईए ने अपने हलफनामे में कहा है कि प्रदीप शर्मा उस गिरोह के सक्रिय सदस्य थे जिसने अंबानी परिवार समेत लोगों को आतंकित करने की साजिश रची और फिर मनसुख हिरेन की हत्या कर दी। हलफनामे में कहा गया है कि हिरेन की हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह इस साजिश के सबसे कमजोर कड़ी थे।
जांच एजेंसी के अनुसार हिरेन को पूरी साजिश की जानकारी थी और आरोपियों को डर था कि वे कहीं सार राज न बता दें। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे शर्मा को एनआईए ने पिछले साल 17 जून को गिरफ्तार किया था।