कोरोना संकट के बीच आज देशभर में ईद-उल-अजहा यानि बकरीद का त्योहार मनाया जा है। इस्लाम धर्म में इस त्योहार का बहुत महत्व है। इस त्योहार को ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाता है। यह त्योहार हर साल इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक जु अल-हज्जा महीने के 10वें दिन मनाया जाता है। इसे मुसलमानों के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक माना जाता है। बकरीद के दिन मस्लिम समुदाय के लोग नमाज अता कर बकरे की कुर्बानी देते हैं। इस्लाम धर्म के मुताबिक बकरीद के दिन अपनी सबसे प्यारी चीज को अल्लाह की राह में खर्च करना चाहिए। यानी उस चीज को नेकी और भलाई के कार्य में खर्च करना चाहिए। आइये आपको बताते हैं इस दिन अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी देने के बजाय बकरे की कुर्बानी क्यों दी जाती है...