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किसान आंदोलन Latest Update: कृषि कानूनों पर 9वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा संपन्न, 19 को फिर बैठक

By गुणातीत ओझा | Published: January 16, 2021 12:07 AM

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सुप्रीम कोर्ट सरकार से ऊपर किसान!9वें दौर की बैठक भी बेनतीजानए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई नौवें दौर की वार्ता भी एक बार फिर बेनतीजा रही। अब इस समस्या का समाधान तलाशने के लिए 19 जनवरी को 10वें दौर की बैठक होगी। बैठक के दौरान किसान नेता इन तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर टस से मस नहीं हुए। नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर 51वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से समिति गठित करने के बाद भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। हालांकि, किसानों और सरकार के बीच आज हुई नौवें दौर की वार्ता से पहले ही किसान नेताओं का कहना था कि उम्मीद नहीं है कि इस बातचीत से कोई समाधान निकलेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संगठनों और सरकार के बीच तीनों कृषि कानूनों पर आज की बैठक में कोई समाधान नहीं निकल सका। उन्होंने कहा कि  सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है। सरकार कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी के समक्ष अपने विचार रखेगी। हम बातचीत के जरिये मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान यूनियन के नेता सुप्रीम कोर्ट से भी बड़े हो रहे हैं। यह उनकी जिद है वे इसे छोड़ें।भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कानून संसद लेकर आई है और ये वहीं खत्म होंगे। कानून वापस लेने पड़ेंगे और MSP पर कानून लाना पड़ेगा। टिकैत ने कहा कि सरकार को तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देने की योजना तैयार करने की आवश्यकता है।कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने आज नौवें दौर की वार्ता शुरू होने से पहले कहा था कि वे सरकार के साथ नौवें दौर की वार्ता में भाग लेंगे, लेकिन उन्हें इस बातचीत से ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि वे विवादित कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर नहीं मानेंगे। भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा, 'हम सरकार के साथ बातचीत करेंगे। हमें शुक्रवार की बैठक से ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल का हवाला देगी। सरकार की हमारी समस्या सुलझाने की कोई अच्छी मंशा नहीं है।' सिंह ने कहा कि किसान संघों को कोई समिति नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और हमारे फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए।'
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