जरूरी खबरः आईआरसीटीसी ने कहा- आधार, पैनकार्ड और पासपोर्ट को लिंक करने की योजना, जानें कारण By सतीश कुमार सिंह | Published: June 25, 2021 8:51 PMOpen in App1 / 7दलालों से मुक्ति पाने के लिए रेलवे टिकट बुकिंग वेबसाइट आईआरसीटीसी पर यात्रियों के लिए लॉगइन ब्योरे से आधारकार्ड, पैनकार्ड और पासपोर्ट जैसे पहचानपत्रों को लिंक करने की योजना बना रहा है।2 / 7रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कुमार ने यहां प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पहले दलालों के विरूद्ध कार्रवाई मानव खुफिया सूचना पर आधारित रहती थी, जिसका जमीनी स्तर पर बहुत कम या नहीं के बराबर असर होता था।3 / 7हम उस कमी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। भावी कार्ययोजना यह है कि आखिरकार हमें टिकट के वास्ते लॉगइन को किसी पहचान पत्र जैसे पैन या आधार कार्ड या किसी अन्य सबूत से जोड़ना होगा, जिसके नंबर का इस्तेमाल यात्री लॉगइन करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है ताकि दलाली पर हम पूर्ण विराम लगा सकें।4 / 7पिछले दो साल में आरपीएफ द्वारा किये गये कार्य के बारे में कहा, ‘‘ यह हमारी भावी योजना है। हमें पहले नेटवर्क तैयार करना होगा। हम आधार के प्राधिकारियों के साथ अपना कार्य करीब पूरा कर चुके हैं। जब यह व्यवस्था बन जाएगी, हम उसका इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे। ’’5 / 7दलालों के विरुद्ध अक्टूबर-नवंबर, 2019 में कार्रवाई शुरू की गयी थी और उसी साल दिसंबर से अवैध सॉफ्टवेयर के विरूद्ध कार्रवाई की गयी। उनके अनुसार मई, 2021 तक 14257 दलाल गिरफ्तार किये गये और अबतक 28.34 करोड़ रुपये के टिकट जब्त किये गये।6 / 7महानिदेशक ने कहा कि यात्रा के दौरान यात्रियों द्वारा सरकारी रेलवे पुलिस और आरपीएफ में सुरक्षा संबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिए रेल सुरक्षा ऐप विकसित किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम 6049 स्टेशनों एवं सभी यात्री ट्रेन डिब्बों में सीसीटीवी कवरेज के लिए निगरानी एवं जवाबी कार्रवाई प्रणाली तैयार कर रहे हैं।7 / 7आरपीएफ ने कोविड के चलते अनाथ हो गये बच्चों तक ‘पहुंचने, उन्हें सुरक्षित रखने एवं उनके पुनर्वास के लिए’ एक विशेष योजना बनायी है । उन्होंने कहा, ‘‘ आरपीएफ ने कोविड के चलते अनाथ हुए एवं मुश्किल स्थिति में स्टेशन, ट्रेनों या समीप के शहरों, गांवों, अस्पतालों में मिलने वाले बच्चों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया है। कर्मियों को महामारी के फैलने से प्रभावित हुए ऐसे बच्चों पर विशेष ध्यान देने के लिए संवेदनशील बनाया गया है।... बच्चे के मिलने से उसके पुनर्वास तक हर बच्चे के लिए एक नोडल आरपीएफ कर्मी जिम्मेदार हैं।’’ और पढ़ें Subscribe to Notifications