Bhopal Cricket Tournament: मध्य प्रदेश में धोती-कुर्ते वाली क्रिकेट प्रतियोगिता
By आकाश सेन | Published: January 6, 2024 12:06 AM2024-01-06T00:06:19+5:302024-01-06T00:10:49+5:30
भोपाल: हमारे देश में क्रिकेट की खुमारी किसी से छिपी नहीं है। देश के हर कोने में क्रिकेट प्रेमी हैं। आए दिन कहीं न कहीं से क्रिकेट खेलने की शानदार तस्वीरें और वीडियो सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक क्रिकेट टूर्नामेंट मध्य प्रदेश के भोपाल में हो रहा है, जहां क्रिकेट का नया कलेवर देखने को मिला है। दरअसल यहां वेदिक ब्राह्मण क्रिकेट प्रतियोगिता में खिलाड़ी 'धोती-कुर्ते' में क्रिकेट खेलते दिखे हैं। पूरे मैच के दौरान संस्कृत भाषा में कॉमेंट्री की गई।
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हर साल की तरह इस साल भी संस्कृति बचाओ मंच के तत्वावधान में राजधानी भेापाल में अनूठी क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन कराया जा रहा है। आज से शुरू हुई यह क्रिकेट प्रतियोगिता 8 जनवरी तक चलेगी. इस प्रतियोगिता में वैदिक ब्राह्मण धोती-कुर्ता पहनकर क्रिकेट खेल रहे हैं। खास बात यह है कि प्रतियोगिता की कामेंट्री भी संस्कृत भाषा में ही की जा रही है। आयोजन समिति जीतने वाली टीम को श्री रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या भेजेगी।
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष एवं आयोजन समिति के चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी महर्षि मैत्री मैच टूर्नामेंट का आयोजन अंकुर खेल मैदान किया जा रहा है. प्रतियोगिता में 12 टीम भाग ले रही है. प्रतियोगिता का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ किया गया. इसमें प्रथम पुरस्कार, द्वितीय पुरस्कार, मैन ऑफ द मैच दिया जाएगा।
अयोध्या जाएगी विजेता टीम
आयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि महर्षि मैत्री कप टूर्नामेंट जो भी टीम जीतेगी उसे संस्कृति बचाओ मंच अयोध्या दर्शन कराएग। यह आयोजन भारतीय संस्कृति संस्कार सभ्यता और संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है। आयोजन समिति के अभिषेक शास्त्री, अंकुर शास्त्री एवं अवनीश त्रिवेदी ने संयुक्त रूप से बताया कि इस कार्यक्रम में संस्कृत भाषा में ही कामेंट्री बोली जा रही है। सभी खिलाड़ी धोती कुर्ता में क्रिकेट के मैदान में क्रिकेट को खेल रहे हैं।
प्रतियोगिता की हो रही सराहना
आयोजन समिति ने बताया कि पिछले वर्षों में इस प्रतियोगिता को बहुत सराहा गया था और इसको देखकर कई जगह यह आयोजन हुआ था। सभी वैदिक विद्यालयों की मांग पर इस वर्ष भी हमने यह आयोजन किया है। आगामी वर्ष में इसको हम प्रदेश स्तर पर ले जाने का प्रयास करेंगे।