तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे और नुकसान, पेट, लीवर और किडनी के लिए है कितना लाभदायक By संदीप दाहिमा | Published: June 29, 2022 5:22 PMOpen in App1 / 5कई लोग सुबह-सुबह तांबे के बर्तन में रखन पानी पीना पसंद करते हैं। माना जाता है कि इससे शरीर स्वस्थ व निरोग रहता है। इससे शरीर में कॉपर की कमी पूरी होने के साथ बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से रक्षा होती है। इतना ही नहीं, ऐसा करने से बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।2 / 5नियमित रूप से तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकाले जा सकते हैं और पेट की सफाई होती है। इसे शुद्ध माना जाता है क्योंकि यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है।इस पानी को कम से कम 8 घंटे तक तांबे के बर्तन में रखा जाना चाहिए।3 / 5मर जाते हैं विषाणु - एक अध्ययन के अनुसार तांबे के पात्र में जल रखने से इसकी अशुद्धियों को भी कम किया जा सकता है। अध्ययन में पाया गया कि 16 घंटे तक इस धातु के पात्र में पानी रखने से उसमें मौजूद ज्यादातर जीवाणु मर गए। उस पानी में विशेष रूप से मौजूद ‘पेचिश के विषाणु’ और ‘ई-कोलाई’ के अमीबा तो पूरी तरह समाप्त हो गए।4 / 5आयुर्वेद में तांबे की मदद से औषधियों का निर्माण भी किया जाता है। यह पेट के रोग, ज्वर, लीवर रोग, हिचकी, अफारा, अतिसार, पीलिया, हैजा और किडनी की पथरी के लिए फायदेमंद है।5 / 5इसके अलावा लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभदायक होता है। यह शरीर की आंतरिक सफाई के लिए बेहतर होता है। और पढ़ें Subscribe to Notifications