लाइव न्यूज़ :

सर्वोच्च न्यायलय में तीन जजों की पीठ करेगी 'फ्रीबीज' मामले की सुनवाई, मुख्य न्यायधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने लिया फैसला

By शिवेंद्र राय | Published: August 26, 2022 11:16 AM

सर्वोच्च न्यायलय में 'फ्रीबीज' मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सी टी रविकुमार की बेंच ने कहा कि फ्री बी मुद्दे पर विस्तृत सुनवाई की जरूरी है। इस मामले को उन्होंने तीन जजों की बेंच को भेज दिया है।

Open in App
ठळक मुद्देप्रधानमंत्री मोदी मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं के वादे को रेवड़ी कल्चर बता चुके हैंसर्वोच्च न्यायलय ने माना कि यह एक जटिल मुद्दा हैकेंद्र का मानना है कि मुफ्त सुविधाओं के वादों पर रोक जरूरी है

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायलय ने चुनावों के दौरान किए जाने वाले मुफ्त सुविधाएं देने के वादों पर बड़ा फैसला लिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि यह एक जटिल मुद्दा है। इस मामले को अब तीन जजों की पीठ के पास भेजने का फैसला किया  गया है। सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश एनवी रमण के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है। स्टिस यू यू ललित देश के नए मुख्य न्यायधीश होंगे। कार्यकाल के आखिरी दिन एनवी रमण की अध्यक्षता वाली बेंच ने 'फ्रीबीज' मामले को तीन जजों की पीठ के पास भेजने का फैसला किया। 

सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एक चुनावी लोकतंत्र में सच्ची शक्ति मतदाताओं के पास होती है और मतदाता ही पार्टियों और उम्मीदवारों का फैसला करते हैं।

बता दें कि सरकारों द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए सर्वोच्च न्यायलय इस मामले की सुनवाई कर रहा है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने पहले भी कई अहम टिप्पणियां की हैं। इस मामले पर सुनवाई के दौरान बीते मंगलवार को सर्वोच्च न्यायलय ने कहा था कि वह किसी सरकारी नीति या योजना के खिलाफ नहीं है लेकिन मुफ्त उपहारों और कल्याणकारी उपायों के बीच अंतर करना होगा। मुफ्त सुविधाएं क्या हैं और उन्हें कैसे लोगों के उत्थान के लिए फायदेमंद कहा जा सकता है यह तय करना होगा।

भाजपा नेता अश्विनी कुमार ने इस मामले पर जनहित याचिका दाखिल की थी जिस पर शीर्ष अदालत में सुनवाई हो रही है। केंद्र सरकार की तरफ से सुनवाई में हिस्सा ले रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि किसी को भी सामाजिक कल्याण उपायों से कोई समस्या नहीं है। कठिनाई तब उत्पन्न होती है जब एक पार्टी गैर-जरूरी सामान जैसे साड़ी, टेलीविजन सेट आदि वितरित करती है। तुषार मेहता ने कहा कि इसके विनाशकारी आर्थिक परिणाम होंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं के वादे को रेवड़ी कल्चर बता चुके हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ऐसे वादे करने वाले देश के बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टBJPएन वेंकट रमणकांग्रेसEC
Open in App

संबंधित खबरें

भारतAmit Shah On Rahul Gandhi: 'राहुल गांधी थाईलैंड छुट्टी पर जाते हैं, मोदी सीमा पर दिवाली मनाते हैं', मधुबनी में बोले अमित शाह

भारतदिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में लगी आग, घटना का वीडियो आया सामने

भारतSaran Seat 2024: राजीव प्रताप रूडी के सामने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य, 2014-2019 में बीजेपी ने दी मात, 2024 में प्रतिष्ठा दांव पर, जानें क्या कहते हैं लोग...

भारतSwati Maliwal Assault Case: स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट मामले में परिवार ने तोड़ी चुप्पी, 'आप' सांसद की मां ने कही ये बात

भारतPoK पर नियंत्रण खोना, 'गलती' या 'कमजोरी', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कांग्रेस पार्टी पर बोला हमला

भारत अधिक खबरें

भारत'अरविंद केजरीवाल के सहयोगी ने मुझे थप्पड़ मारा, लात मारी': स्वाति मालीवाल ने मामले में चुप्पी तोड़ते हुए लगाए आरोप

भारतGhatkopar hoarding collapse: मुंबई पुलिस ने बिलबोर्ड मालिक भावेश भिंडे को किया गिरफ्तार

भारतMaharashtra LS Polls 2024: नासिक में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामान की जांच की

भारतSwati Maliwal assault case: मारपीट की घटना को लेकर स्वाति मालीवाल ने पुलिस में की शिकायत, रिकॉर्ड कराए अपने बयान

भारतBihar Politics News: जिस तरह सूरज का उगना तय वैसे ही नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय..., भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने दावा किया