Saran Seat 2024: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार के सारण लोकसभा सीट पर दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही है। इसका कारण यह है कि सारण सीट को हमेशा से लालू यादव का गढ़ माना जाता है। इस बार राजीव प्रताप रूडी के सामने चुनावी मैदान में लालू की बेटी रोहिणी आचार्य हैं। ऐसे में इस सीट पर जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। सारण संसदीय सीट पर 2009 तक राजद का दबदबा रहा। 2004 और 2009 तक इस सीट से लालू यादव खुद चुनाव जीतते रहे, लेकिन 2014 में राजद को भाजपा के हाथों यहां बड़ी पराजय मिली।
सारण में रोचक मुकाबले पर बिहार ही नहीं देश भर की निगाहें टिकी हैं
इस सीट पर 2014 में राजद ने राबड़ी देवी को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे भाजपा के राजीव प्रताप रूडी से पराजित रहीं। इसके बाद 2019 उन्होंने समधी और पुराने नेता चंद्रिका राय पर दांव लगाया, लेकिन रूडी वापस जीत गए। इस बार सारण में रोचक मुकाबले पर बिहार ही नहीं देश भर की निगाहें टिकी हैं।
28 साल के उम्र में ही पहली बार बिहार विधानसभा में विधायक चुने गए थे
इस चुनाव में रूडी के सामने जहां इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है, तो वहीं रोहिणी आचार्य के सामने अपने पिता की पुरानी विरासत को पाने की चुनौती है। बता दें कि बिहार की राजधानी पटना में जन्में राजीव प्रताप रूडी महज 28 साल के उम्र में ही पहली बार बिहार विधानसभा में विधायक चुने गए थे। उनकी गिनती सबसे कम उम्र के विधायकों में से एक के रूप में की जाती है।
सीट पर यादव और राजपूतों के बीच ही मुख्य मुकाबला होता रहा
वहीं, इस क्षेत्र का संसद में चार बार प्रतिनिधित्व करने वाले लालू परिवार के लिए यह परंपरागत सीट मानी जाती रही है। हालांकि भाजपा के राजीव प्रताप रूडी भी यहां से चार बार सांसद चुने गए हैं। इस सीट पर यादव और राजपूतों के बीच ही मुख्य मुकाबला होता रहा है। मुख्य पार्टियां भी इन्हीं दोनों जातियों के उम्मीदवार को मैदान में उतारती हैं।
यहां के पूर्व के सांसद राजपूत या यादव समाज से ही रहे हैं। सारण लोकसभा क्षेत्र में दोनों खेमों में बंटे मतदाता अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर वोट करते हैं। यादव और राजपूत मतदाताओं के बाद शहरी इलाकों में कायस्थ और वैश्य मतदाताओं का भी अच्छा खासा वोट है।
भाजपा से वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी राजपूत जाति से हैं
अल्पसंख्यक और अति पिछड़ी जाति के मतदाता भी निर्णायक स्थिति में हैं। सारण की विशेषता रही है कि यहां पार्टियां भले ही अपने उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारती हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला यदुवंशी और रघुवंशी के बीच का ही होता है। भाजपा से वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी राजपूत जाति से हैं।
इस बार राजद ने लालू की संसदीय विरासत को पुनः वापस लाने के लिए चुनावी मैदान में उतरी रोहिणी को यहां से जिताना ना केवल लालू के लिए बल्कि पूरी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। दोनों गठबंधन के नेताओं ने इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।