Sunil Chhetri announces Indian team retirement: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री अपने फुटबॉल करियर को अलविदा कहने की घोषणा कर दी। भारतीय फुटबॉल दिग्गज ने कहा कि कुवैत के खिलाफ उनका आखिरी गेम होगा। सुनील छेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यह घोषणा की। सुनील छेत्री ने कहा कि कुवैत के खिलाफ मैच जो फीफा विश्व कप क्वालीफायर के दूसरे दौर का हिस्सा है उनका आखिरी गेम होगा। यह मैच 6 जून को साल्ट लेक स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत फिलहाल ग्रुप ए में कतर के बाद चार अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है।
अफगानिस्तान के खिलाफ अपना 150वां मैच खेला था
छेत्री (39) फुटबॉल के दो दशक लंबे अपने शानदार करियर को अलविदा कहेंगे। भारत वर्तमान में चार अंकों के साथ ग्रुप ‘ए’ में शीर्ष पर चल रहे कतर के बाद दूसरे स्थान पर है। छेत्री ने मार्च में भारत के लिए गुवाहाटी में अफगानिस्तान के खिलाफ अपना 150वां मैच खेला था। उस मैच में गोल भी दागा था। हालांकि भारत वह मैच 1-2 से हार गया था।
छेत्री ने 2005 में अपने करियर की शुरुआत की थी। देश के लिए अभी तक उन्होंने 94 गोल किए हैं। आंध्र प्रदेश को सिकंदराबाद में 3 अगस्त 1984 को जन्म हुआ था। छेत्री का सफर 2002 में मोहन बागान से शुरू हुआ। उनकी प्रतिभा से हर कोई कायल हो गया। संयुक्त राज्य अमेरिका के कैनसस सिटी विजार्ड्स (2010) और पुर्तगाल के स्पोर्टिंग सीपी रिजर्व्स (2012) ने अपने साथ जोड़ा।
2016 में एएफसी कप फाइनल तक भी पहुंचाया
उन्होंने ईस्ट बंगाल, डेम्पो, मुंबई सिटी एफसी और वर्तमान में बेंगलुरु एफसी जैसे प्रतिष्ठित क्लबों की जर्सी पहनी। यह बेंगलुरु ही है, जहां छेत्री ने धमाल किया। आई-लीग (2014, 2016), आईएसएल (2019) और सुपर कप (2018) जैसी ट्रॉफियां जीतीं। उन्होंने 2016 में एएफसी कप फाइनल तक भी पहुंचाया। सुनील छेत्री का असली जादू उनके अंतरराष्ट्रीय कारनामों में देखने को मिली।
27 वर्षों में पहली बार एएफसी एशियाई कप में जादू दिखा दिया
उन्होंने नेहरू कप (2007, 2009, 2012) और SAFF चैम्पियनशिप (2011, 2015, 2021) में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत की 2008 एएफसी चैलेंज कप जीत में उनके योगदान ने 27 वर्षों में पहली बार एएफसी एशियाई कप में जादू दिखा दिया।
150 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 94 गोल के साथ वह पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और अर्जेंटीना के लियोनेल मेस्सी के बाद तीसरे सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय गोल-स्कोरर हैं। छेत्री का अंतरराष्ट्रीय पदार्पण 2005 में हुआ। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला गोल किया।
असाधारण सात गोल करके भारतीय दिग्गज आई.एम. विजयन के एक ही संस्करण में छह गोल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। भारत को जीत मिली और वह राष्ट्रीय टीम के सर्वोच्च स्कोरर बन गए। पूरे क्लब और देश के लिए 252 मैच खेलकर 515 गोल किए।