कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने ओडिशा में एक साथ हो रहे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर बात करते हुए कहा कि राज्य के लोग बदलाव चाहते हैं और वो सोचते हैं कि 'कोई और' सरकार चला रहा है।
अमित शाह ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिये इंटरव्यू में कहा कि ओडिशा के गौरव का मामला तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री को यह स्वीकार करना चाहिए कि ओडिशा गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कुछ अन्य राज्यों की तरह विकसित नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, "यहां तक कि नवीन पटनायक को भी यह स्वीकार करना चाहिए कि ओडिशा गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे स्थिर सरकार वाले अन्य राज्यों की तरह विकसित नहीं है। वहां के लोग बदलाव चाहते हैं। मेरा मानना है कि ओडिशा के गौरव का मामला तेजी से बढ़ रहा है। लोगों में ऐसी धारणा है कि ओडिशा में नवीन पटनायक के पीछे कोई और सरकार चला रहा है।"
अमित शाह ने कहा, "उड़िया भाषा, संस्कृति, साहित्य और कला पर गर्व का मुद्दा महत्वपूर्ण हो गया है। राज्य प्रशासन ने राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा में लोगों की बड़ी भागीदारी को रोकने की कोशिश की, जिसके कारण वे परेशान हैं।"
बीजेडी नेताओं की इस टिप्पणी पर कि भाजपा के पास ओडिशा में कोई मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं है, शाह ने कहा कि पार्टी के पास मजबूत नेतृत्व और अनुभवी व्यक्ति हैं और हमें कभी भी नेतृत्व संकट का सामना नहीं करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, "हमारे पास अच्छा नेतृत्व और बहुत अनुभवी लोग हैं। उनकी पार्टी के कई अनुभवी नेता हमारे साथ शामिल हुए हैं। हमारे पास नेतृत्व का कोई संकट नहीं है।"
मालूम हो कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक विधानसभा चुनाव में लगातार छठी बार सत्ता में आने के लिए बीजू जनता दल का नेतृत्व कर रहे हैं। बीजेडी नेताओं ने भाजपा को राज्य में अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की चुनौती दी है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी बीजेडी नेता वीके पांडियन ने पिछले हफ्ते कहा था कि बीजेपी नेता पिछले 10 वर्षों से राज्य में सरकार बनाने का "दिवास्वप्न" देख रहे हैं।
पांडियन ने कहा, "मैं बीजेपी से पूछता हूं कि क्या ओडिशा के लोग यह जानने के हकदार नहीं हैं कि बीजेपी का सीएम उम्मीदवार कौन है? लोगों को नवीन पटनायक और बीजेपी उम्मीदवार के बीच फैसला करने दें। क्या यह जानना लोगों का अधिकार नहीं है? लेकिन बीजेपी है कि वो अपने सीएम उम्मीदवार की घोषणा करने से डरती है क्योंकि वे जानती है कि अगर वे मौजूदा नेताओं में से किसी को भी चुनते हैं, तो उनकी पार्टी को 10 प्रतिशत से भी कम वोट मिलेंगे, मैं बीजेपी को सीएम उम्मीदवार घोषित करने की चुनौती देता हूं।"
ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो रहे हैं। चार चरण के लोकसभा और विधानसभा चुनाव 13 मई को शुरू हुए और 20 मई, 25 मई और 1 जून को भी होंगे। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।