नगालैंड सरकार ने स्मार्ट, सुरक्षित और सतत शहरी केंद्रों और उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी सेवाओं वाले समुदायों को विकसित करने का निर्णय लिया है। राज्य प्रशासन के एक दृष्टि दस्तावेज में यह जानकारी सामने आई है। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने हाल में ‘‘नगालैंड एसडीजी विजन 2030 - किसी को पीछे नहीं छोड़ना’’ दस्तावेज का अनावरण किया था। यह सतत शहरों और समुदायों सहित 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालिक रणनीतियां प्रदान करता है। इस दस्तावेज में कहा गया है कि शहरीकरण की प्रक्रिया पूरे राज्य में समान रूप से नहीं हो पाई है क्योंकि शहरी विकास ज्यादातर कोहिमा और दीमापुर के प्रमुख शहरों में केंद्रित है। शहर में बसने वालों को रोजगार और आजीविका के अवसर खोजने की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।इसमें कहा गया है कि राज्य के कस्बों और शहरों में असामान्य जनसांख्यिकीय परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन, आवास की कमी सहित बुनियादी सुविधाओं की कमी और उद्योगों जैसी आर्थिक गतिविधियों की कमी जैसी महत्वपूर्ण दीर्घकालिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसमें कहा गया है कि बुनियादी सेवाओं, रोजगार और आवास तक पहुंच की कमी के कारण शहरी गरीबी का मुद्दा एक और जटिल समस्या के रूप में उभर रहा है। दस्तावेज में कहा गया है कि विकास गतिविधियों के लिए भूमि की उपलब्धता सबसे बड़ी चुनौती है। ज्यादातर मामलों में परियोजनाओं में देरी होती है, जिससे लागत में वृद्धि होती है, जबकि कई मामलों में भूमि से संबंधित मुकदमेबाजी के कारण काम में देरी होती है। दस्तावेज में कहा गया है कि अब तक भूमि मुद्दों के कारण मास्टर प्लान और विकास योजनाओं को लागू नहीं किया जा सका है।
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