Pune Porsche accident case: पुणे के किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने बुधवार को नशे की हालत में तेज गति से पोर्श कार चलाने के आरोपी साढ़े 17 वर्षीय लड़के को पर्यवेक्षण गृह में भेज दिया। इस हादसे में रविवार को दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी। आरोपी को 5 जून तक यरवदा के नेहरू उद्योग केंद्र निरीक्षण गृह में भेज दिया गया है।
किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने पहले नाबालिग को जमानत दी थी। पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा है कि हमने किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष एक समीक्षा आवेदन दायर किया था ताकि किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाया जा सके और उसे रिमांड होम में भेजा जा सके। फिलहाल उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के आदेश का इंतजार है।
किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) नाबालिग पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के पुलिस आवेदन पर बाद में फैसला सुनाएगा। इस याचिका पर बुधवार को बहस नहीं हुई। नाबालिग अपने परिवार के सदस्यों और वकीलों की एक टीम के साथ बुधवार दोपहर के आसपास जेजेबी के परिसर में आया।
इस मामले में पुणे की एक सत्र अदालत ने एक कार दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय नाबालिग के पिता और एक पब के दो कर्मियों को बुधवार को 24 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया। नाबालिग लड़के के पिता और ब्लैक कब पब के कर्मी नितेश शेवाणी व जयेश गावकर को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस.पी. पोंखसे के सामने पेश किया गया।
नाबालिग लड़के के पिता एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं। नाबालिग ने दुर्घटना से पहले पब में बैठकर कथित रूप से शराब पी थी। पुलिस ने नाबालिग लड़के के पिता और बार के मालिक व कर्मियों के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी नाबालिग रविवार को दुर्घटना से पहले पब गया था। पब के कर्मियों पर नाबालिग को शराब परोसने के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है।