नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस को अग्निवीर जैसे मामलों पर टिप्पणी करके रक्षा बलों का "राजनीतिकरण" न करने का निर्देश देने के एक दिन बाद गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग ने यह गलत आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं की आलोचना करना तो विपक्ष के राजनीतिक दलों का अधिकार है।
चिदंबरम ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर किये पोस्ट में कहा, "चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को अग्निवीर योजना का 'राजनीतिकरण' न करने का निर्देश देकर गलत किया है। 'राजनीतिकरण' का क्या मतलब है? क्या आयोग का मतलब 'आलोचना' है? अग्निवीर एक योजना है, सरकार की नीति द्वारा बनाई गई है। क्या विपक्षी राजनीतिक दल को सरकार की किसी नीति की आलोचना करने अधिकार नहीं है और यह घोषणा करने का अधिकार नहीं है कि अगर वो सत्ता में आए तो योजना को खत्म कर देंगे।''
कांग्रेस नेता ने कहा, "अग्निवीर योजना का सेना ने विरोध किया था, फिर भी सरकार ने इस योजना को सेना पर थोप दिया और यह गलत है। इसलिए अग्निवीर योजना को खत्म किया जाना चाहिए।"
चिदंबरम ने आगे चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी को दिशा निर्देश देने में चुनाव आयोग एकदम गलत है और एक नागरिक के रूप में मेरा यह कहना है कि यह हमारा अधिकार है और आयोग गलत है।"
उन्होंने मोदाी सरकार की इस योजना की आलोचना करते हुए कहा, "अग्निवीर सैनिकों की दो श्रेणियां बनाता है, जो एक साथ लड़ते हैं। यह गलत है अग्निवीर एक युवक को चार साल के लिए नौकरी पर रखता है और उसे बिना किसी नौकरी और पेंशन के सेना से बाहर निकाल दिया जाता है, यह गलत है।''
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने बीते बुधवार को भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों को अपने भाषणों को सही करने, सावधानी बरतने और शिष्टाचार बनाए रखने के लिए औपचारिक नोट जारी किए।
अग्निवीर योजना पर बोलते हुए चुनाव आयोग ने कांग्रेस प्रचारकों या उम्मीदवारों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण नहीं करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में संभावित विभाजनकारी बयान नहीं देने को कहा है।