नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। इसकी अधिकारिक घोषणा आज (29 जुलाई) की जाएगी। यह फैसला मोदी कैबिनेट बुधवार को मोदी कैबिनेट की बैठक में लिया गया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई इस बैठक में नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी गई है। इसकी भी अधिकारिक घोषणा आज की जाएगी।फिलहाल रमेश पोखरियाल निशंक मानव संसाधन विकास मंत्री हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने प्रस्ताव दिया था कि मंत्रालय का मौजूदा नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए। इस प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने बुधवार (29 जुलाई) को मुहर लगा दी है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, नीति के मसौदे को मंजूरी मिल गई है। मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने पिछले वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नयी शिक्षा नीति का मसौदा सौंपा था। इस दौरान ही निशंक ने मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। नयी शिक्षा नीति के मसौदे को विभिन्न पक्षकारों की राय के लिये सार्वजनिक किया गया था और मंत्रालय को इस पर दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए।
नई शिक्षा नीति को भी मिली मंजूरी, जानें क्या होंगे इसके फायदे
नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी मिलने के बाद अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी। सरकार का कहना है कि इससे शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सकेगा। इस साल बजट (2020-21) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई शिक्षा नीति का ऐलान किया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार शीघ्र ही नई शिक्षा नीति लेकर आएगी। सीतारमण ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा था कि अगले वित्त वर्ष में शिक्षा के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी 'नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनएचईआरए) या हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया' तय किया गया है।
वर्तमान शिक्षा नीति 1986 में तैयार की गयी थी और इसे 1992 में संशोधित किया गया था। नयी शिक्षा नीति का विषय 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल था।
मसौदा तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने पूर्व कैबिनेट सचिव टी एस आर सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर भी विचार किया। इस समिति का गठन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तब किया था जब मंत्रालय का जिम्मा स्मृति ईरानी के पास था।