लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार को मुख्य विरोधी दल कांग्रेस पर हमला करते हुए उसके चुनावी घोषणापत्र को लेकर जमकर निशाना साधा। सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अगर लोकसभा चुनाव के बाद सत्ता में आयी तो वह 'गोमांस' की खपत बढ़ाने का अनुमति लक्ष्य' रखेगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विपक्षी गुट इंडिया और उसकी मुख्य घटक कांग्रेस पर जबरदस्त हमला करते हुए कहा कि वो अगर सत्ता में आये तो देश में एक बार फिर 'गोमांस' को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, "इस देश में हिंदू समुदाय गोमांस खाने से पूरी तरह परहेज करता है क्योंकि वो गाय को पूजनीय मानता है। लेकिन कांग्रेस को हिंदुओं की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है और वो मुसलमानों को छूट देने के लिए 'गोमांस' को बढ़ावा देगी।"
इससे पहले शुक्रवार को एक चुनावी रैली में सीएम योगी ने दावा किया था कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की मंशा है कि अल्पसंख्यकों को बीफ खाने का अधिकार मिले।
मालूम हो कि यूपी में पहले से ही पशुवध के खिलाफ कड़े कानून हैं, जिसमें 10 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त गायों के अंग-भंग करने पर सात साल की कैद और तीन लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2020 में गोहत्या पर अध्यादेश बनाकर इसे कानून का रूप दे दिया। यूपी गोहत्या रोकथाम (संशोधन) अधिनियम 2020 के माध्यम से योगी सरकार ने राज्य में गोहत्या से संबंधित नियमों को सख्त करते हुए कई नए प्रावधान पेश किए हैं। इसमें उत्तर प्रदेश में गोहत्या या गायों की तस्करी के लिए गंभीर दंड लगाना शामिल है।
इस कानून के अनुसार, गौ तस्करी के बार-बार अपराध करने वालों के लिए सज़ा दोगुनी हो सकती है, जिसे 10 साल तक की जेल तक बढ़ाया जा सकता है। जबकि पिछले कानून में गोहत्या या तस्करी के लिए न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं था। वहीं संशोधित कानून में अब गोहत्या के लिए न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख रुपये का जुर्माना अनिवार्य है।
इसी तरह गौवंश को अंग-भंग करने पर कम से कम 1 साल की सजा और न्यूनतम 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो व्यक्ति गाय या गौवंश को शारीरिक नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उसके जीवन को खतरे में डालते हैं या अंग-भंग करते हैं, उन्हें एक से सात साल तक की कैद की सजा होगी, साथ ही 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगेगा।
संशोधित कानून के अनुसार यदि तस्करी के लिए जब्त की गई गाय पाई जाती है, तो एक वर्ष तक उसके रखरखाव पर होने वाला खर्च आरोपी से वसूला जाएगा। पिछले कानून में गायों या उनके मांस के परिवहन में शामिल वाहनों, उनके मालिकों या ड्राइवरों के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में स्पष्टता का अभाव था। हालांकि, संशोधित कानून के तहत, जब तक वाहन मालिक यह साबित नहीं कर देते कि उन्हें अपने वाहनों में प्रतिबंधित मांस के बारे में जानकारी नहीं थी, उन्हें भी दोषी माना जाएगा।
साल 2020 में योगी सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया और बाद में 'गोमांस' के संबंध में लागू करने के लिए एक कानून बनाया। योगी सरकार के मुताबिक इस कानून की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि पिछले कानून में कई संशोधनों के बावजूद जन आकांक्षाओं के अनुरूप 'गोमांस' को रोकने के प्रभावी कानून नहीं थे।