गुवाहाटी: असम के मरियानी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रूपज्योति कुर्मी ने मांग की है कि ताजमहल और कुतुबमीनार को जमींदोज करके उसकी जगह भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए। भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी इस बात से कतई इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि ताजमहल मोहब्बत की निशानी है। उनका कहना है कि शाहजहां की मुमताज के लिए मोहब्बत की बात झूठी थी और इसे सिद्ध करने के लिए वो अपने तर्क भी पेश कर रहे हैं।
विधायक कुर्मी शाहजहां के मोहब्बत को झूठा बताते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए तर्क पेश कर रहे हैं, "ताजमहज प्रेम का प्रतीक नहीं है। शाहजहां ने अपनी चौथी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया तो फिर शाहजहां ने मुमताज की मौत के बाद तीन और शादियां क्यों की।"
यही नहीं बीते मंगलवार को भी विधायक रूपज्योति कुर्मी ने टाइम्स8न्यूज से बात करते हुए यह बयान दिया कि यदि उनके दावे के मुताबिक ताजमहल और कुतुबमीनार को गिराकर मंदिर बनवाया जाता है तो वह मंदिर परियोजना के लिए बतौर विधायक मिलने वाली अपने एक साल का वेतन दान में देने के लिए तैयार हैं।
समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के अनुसार विधायक कुर्मी इस तथ्य की भी जांच कराये जाने की मांग कर रहे हैं कि क्या वाकई में मुगल बादशाह शाहजहां, अपनी पत्नी मुमताज से मोहब्बत करता था। उन्होंने कहा कि हमें इतिहास की एक बार और खोज करनी चाहिए क्योंकि शाहजहां के आचरण के अध्ययन ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि वो सच में मुमताज से मोहब्बत करता था।
भाजपा विधायक कुर्मी ने हाल ही में नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) की किताबों से मुगल साम्राज्य के अध्यायों को बाहर करने वाली घटना पर कहते हैं, "एनसीआरटी ने बिल्कुल सही किया है। हम बच्चों को यह नहीं सिखाना चाहते कि मुगल शासक जहांगीर ने 20 बार शादी की, जबकि शाहजहां चार शादियों के बावजूद 'प्रतीक' बन जाता है।"
उन्होंने कहा, "हमे आने वाली पीढ़ियों को ऐसी जानकारी नहीं देनी चाहिए। अब जबकि एनसीईआरटी ने मुगलों से संबंधित ऐसी भ्रामक सामग्री हटाने का फैसला किया है तो हम इसका समर्थन करते हैं।"
मालूम हो कि एनसीईआरटी ने हाल ही में 12वीं कक्षा के इतिहास पाठ्यक्रम से मुगलों से संबंधित अध्यायों को हटा दिया है। एनसीईआरटी द्वारा किये गया यह संशोधन देश भर में एनसीईआरटी के माध्यम से शिक्षा देने वाले सभी स्कूलों पर लागू होगा। एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं के पाठ्यक्रम से 'राजाओं और इतिहास' से संबंधित अध्याय, मुगल दरबार (16वीं और 17वीं सदी)' को 'थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट 2 से हटा दिया है।
इसके साथ ही एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं के राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से महात्मा गांधी, हिंदू-मुस्लिम एकता और आरएसएस प्रतिबंध से संबंधित कुछ भागों को पाठ्यपुस्तक से बाहर कर दिया है।