नई दिल्ली: आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने ट्वीट कर बताया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के इलाज के लिए भारत चार पारंपरिक चिकित्सा सूत्रों पर काम कर रहा है। ऐसे में जल्द ही इसका परीक्षण भी शुरू किया जाएगा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आयुष मंत्रालय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के साथ मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ चार आयुष सूत्रों को मान्य करने पर एक साथ काम कर रहे हैं, जिसके परीक्षण एक सप्ताह के भीतर शुरू होंगे। इन्हें ऐड-ऑन थेरेपी और कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए मानक देखभाल के रूप में आजमाया जाएगा।
बता दें कि वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, जिसके साथ आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा परीक्षणों का संचालन करने के लिए काम कर रहा है, दुनिया में सबसे बड़े और सबसे अधिक सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठनों में से एक है। वहीं, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के लिए आयुष देश का पारंपरिक औषधि मंत्रालय है।
जहां एक ओर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आयुष मंत्रालय वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद एकसाथ काम कर रहे हैं तो वहीं श्रीपद येसो नाईक ने ट्वीट कर कहा, 'मुझे यकीन है और काफी उम्मीद है कि हमारी पारंपरिक औषधीय प्रणाली इस महामारी को दूर करने का रास्ता दिखाएगी।' मालूम हो, इस महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर के डॉक्टर उपचार के तरीकों का मिश्रण तैयार करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
कोरोना वायरस को लेकर जारी हैं अध्ययन
कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस जो पहले कभी नहीं देखा गया और इसकी विशेषताओं को लेकर अभी भी पूरी दुनिया में अध्ययन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जब तक इस घातक वायरस का एक भी टीका विकसित नहीं किया जाता, तब तक बड़ी संख्या में इसको लेकर परीक्षण किए जाएंगे। बता दें कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए तमाम देश एंटी-वायरल ड्रग तैयार करने में लगे हुए हैं। अमेरिका की फार्मा कंपनी जीलीड साइंसेज इंक (Gilead Sciences Inc) भी इस महामारी का तोड़ निकालने में जुटी हुई है।