लखनऊः मशहूर शायर मुनव्वर राणा तत्कालिक घटनाओं पर अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में आ जाते हैं। अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे को जायज ठहराते हुए मुनव्वर राणा ने कहा है कि तालिबान ने सही किया है। अपनी जमीन पर कब्जा तो किसी भी तरह से किया जा सकता है। इस विवादित बयान को लेकर ट्विटर पर उनकी काफी मजम्मत की जा रही है।
मुनव्वर राणा ने अफगानिस्तान में राजनीतिक गतिरोध को लेकर बयान दिया कि आतंकी तो आप कह रहे हैं ना। आप खुल्लमखुल्ला यह कहते हैं कि हर मुसलमान आतंकी नहीं होता लेकिन हर आतंकी मुसलमान होता है। आपके यहां तो आतंकी की परिभाषा निकाली ही नहीं गई है कि कौन आतंकी है कौन आतंकी नहीं है। उन्होंने कहा कि तालिबान आतंकी संगठन हो सकता है लेकिन वह अपने मुल्क के लिए लड़ रहे हैं तो आप उन्हें आतंकी कैसे कह सकते हैं।
मुनव्वर राणा ने तालिबानियों को अफगानी संबोधित करने की बात कही। उन्होंने कहा-अफगानिस्तान से लोग भाग रहे हैं, कोई कहीं से भी भाग सकता है। यही नहीं राणा ने आगे कहा कि यूपी के जैसे हालात हैं, यहां से भाग जाने को जी चाहता है। बकौल मुनव्वर- हमसे हिन्दू भी नाराज रहते हैं, मुसलमान भी नाराज रहते हैं। हम हिन्दुस्तानी प्रोपेगेंडा का जल्दी शिकार होते हैं। अफगानिस्तान ने हिन्दुस्तान को कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया लेकिन अफगानिस्तान, हिन्दुस्तान का सबसे अच्छा दोस्त रहा है। मुनव्वर राणा ने कहा, आप तालिबानी क्यों कह रहे हैं, उन्हें अफगानी कहिये वहां एक नई हुकूमत वहां बनने जा रही है।
मुनव्वर राणा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना की जा रही है। एक यूजर ने मुनव्वर राणा को आतंकी हमदर्द बताते हुए लिखा- मुनव्वर राणा ने फ्रांसीसी शिक्षक की हत्या का समर्थन किया..कहा उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर फ्रांसीसी शिक्षक का सिर भी काट दिया होगा...उन्हें यूपी सरकार से डर लगता है क्योंकि वह हमेशा से आतंकवादी हमदर्द रहे हैं। वह सही हैं। भारतीय कानून से डरना चाहिए।
एक यूजर ने लिखा- यहां रहते और फलते-फूलते हुए तालिबान की तुलना भारत से करना देशद्रोह के समान है। ऐसे लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है! #मुन्नावर राणा।
वहीं एक यूजर यूपी बीजेपी को टैग करते हुए लिखा- @BJP4UP @भाजयुमो को मुन्नावर राणा के घर जाना चाहिए, उनका बैग पैक करना चाहिए और उन्हें तालिबान भेज देना चाहिए क्योंकि मुन्नावर यूपी में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा- नरमपंथी मुसलमान जैसा कुछ नहीं होता, मुसलमान, मुसलमान होता है। क्या मुन्नावर राणा तथाकथित शायर हमारे लिए अब तक उदारवादी नहीं हैं ?? अब आप उनके बयान देख सकते हैं, बस बाहरी परत को खुरचें और आपको पता चल जाएगा कि कुछ को छोड़कर, मॉडरेट मुस्लिम केवल एक मिथक है।