आज के दौर में दुनिया में सौ फीसदी भरोसे वाली कोई स्थिति कूटनीति में नहीं बन सकती. इसलिए चीन पर भी रूस पूरी तरह यकीन नहीं करेगा. वह भारत पर भरोसा कर सकता है, लेकिन चीन पर नहीं. इतिहास भी इसका गवाह है.
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राजनय से राजनीति में आए शशि थरूर ने जो गुगली फेंकी है, उसे खेल पाना कांग्रेस और उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए आसान नहीं. नेहरू परिवार का आशीर्वाद प्राप्त खड़गे से अध्यक्ष पद के चुनाव में भारी अंतर से हारने के बावजूद थरूर ने हिम्मत नहीं हारी
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के. संथानम ने अपने संस्मरण में लिखा है- नाभा जेल में हमारे कारावास के बारे में बाहरी दुनिया को पता नहीं था. इसे लेकर पंडित मोतीलाल नेहरू चिंतित हो गए और पंजाब में विभिन्न अधिकारियों और अन्य लोगों से हमारे ठिकाने का पता लगाने की कोशिश की.
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राज्य में अभी-भी सैकड़ों चिकित्सकों के पद खाली हैं जिनको भरने की कोई तैयारी नहीं है। यही नहीं सरकार अपनी विभिन्न योजनाओं के तहत मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भेजती है, लेकिन इलाज के खर्च का समय पर भुगतान नहीं करती है।
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‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है. जर्मन मूल के डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन ‘होम्योपैथी’ के जनक माने जाते हैं. उन्हीं के जन्मदिवस के अवसर पर यह दिन मनाया जाता है.
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लोकतंत्र वहीं पनपता है, वहीं परिपक्व होता है जहां आलोचना के स्वरों का सम्मान होता है. सत्ता की आलोचना करना देश का विरोध करना नहीं होता है. आलोचना वह जरूरी तत्व है जिसके बगैर लोकतंत्र के मजबूत बने रहने की कल्पना हम कर ही नहीं सकते. हम सौभाग्यशाली हैं
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आईएमएफ ने कहा है कि भारत ने एक विश्वस्तरीय डिजिटल सार्वजनिक ढांचा खड़ा किया है, जो दूसरे देशों के लिए भी अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का सबक हो सकता है।
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शी जिनपिंग जिस ‘ड्रीम चाइना’ का वादा कर सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं, उसे चीनी जनता असफल मानने लगी है। शी जिनपिंग अभी भी उस सपने से बहुत दूर खड़े हैं जो उन्होंने दस वर्ष पहले चीनियों के सामने रखा था। दूसरी तरफ कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा चीनी जनता के ब
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