ब्लॉगः भूटान से बेहतर संबंधों की उम्मीद
By प्रमोद भार्गव | Published: April 11, 2023 03:55 PM2023-04-11T15:55:27+5:302023-04-11T15:58:31+5:30
भारत और भूटान के बीच वर्ष 1950 में हुई संधि के अनुसार भारतीय सेना की एक टुकड़ी भूटान की सेना को प्रशिक्षण देने के लिए वहां हमेशा तैनात रहती है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के बीच नई दिल्ली में हुई बातचीत से हाल में उपजी कुछ आशंकाओं का समाधान होता दिखा है। दोनों देश डोकलाम मुद्दे समेत कई अन्य राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर पूर्व निर्धारित पृष्ठभूमि पर ही वचनबद्ध रहेंगे। इस दृष्टि से ‘पहले से ही घनिष्ठ संबंधों’ को और मजबूती देने के लिए पांच सूत्री गतिविधियों पर आगे बढ़ते रहेंगे, जिससे परस्पर समन्वय और दृढ़ होंगे। इस सिलसिले में भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा का कहना है कि ‘भूटान नरेश की भारत यात्रा विविध क्षेत्रों में हमारे सहयोग का और व्यापक खाका रचती है।’
दोनों देशों के बीच आवागमन सरल हो और अंतरंगता बढ़े, इस नजरिये से असम के कोकराझार से लेकर भूटान के गेलफू के बीच रेल परियोजना पर काम चल रहा है। दोनों देशों के बीच यह पहला रेल संपर्क होगा। इसके अलावा जिन पांच सूत्रीय कार्यक्रमों के विकास की रूपरेखा को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा, उनसे परस्पर तालमेल और पुख्ता होगा। भूटान के साथ 13वीं पंचवर्षीय योजना में सहयोग करते हुए भारत उसके विकास में सहयोग करता रहेगा। साथ ही वह व्यापार, सूचना तकनीक में निवेश के साथ रेल, हवाई सुविधा और अंतर्देशीय जलमार्ग भी विकसित करेगा। भूटान में भारत द्वारा दीर्घकालिक और सतत व्यापार सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, ताकि दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं मजबूत हों। अक्षय ऊर्जा के संदर्भ में भी भारत भूटान को मदद उपलब्ध कराएगा। साथ ही अभिनव पहल करते हुए भारत भूटान को अंतरिक्ष क्षेत्र और स्टार्टअप में भी योगदान देगा।
भारत और भूटान के बीच वर्ष 1950 में हुई संधि के अनुसार भारतीय सेना की एक टुकड़ी भूटान की सेना को प्रशिक्षण देने के लिए वहां हमेशा तैनात रहती है।