कोरोना वैक्सीन लगवाने के 24 घंटे बाद 52 लोगों को हुई एलर्जीकोविड-19 टीकाकरण (Covid-19 Vaccination) अभियान के पहले दिन शनिवार को दिल्ली (Delhi) में जिन स्वास्थ्यकर्मियों (Health Workers) को कोरोना वायरस (Coronavirus) का टीका लगाया गया, उनमें एईएफआई (टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव) का एक ‘गंभीर’ और 51 ‘मामूली’ मामले सामने आए। सरकारी आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के 11 जिलों में टीकाकरण अभियान के पहले दिन 8,117 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य था, जिनमें कुल 4,319 लोगों को टीका लगाया गया। अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों को टीका लगाया गया, उनमें से कुछ में एईएफआई के मामले आए। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘एईएफआई के कुछ मामले आए लेकिन अधिकतर मामूली थे। निगरानी के दौरान ये लोग सामान्य हो गए। एईएफआई का केवल एक गंभीर मामला दक्षिणी दिल्ली में सामने आया।’’ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार टीकाकरण के बाद प्रतिकूल चिकित्सा प्रभाव के मामले को एईएफआई की श्रेणी में रखा जाता है जिसका टीके के इस्तेमाल से संबंध होना जरूरी नहीं है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दक्षिणी और दक्षिण पश्चिमी जिलों से एईएफआई के 11 ‘मामूली’ मामले आए। अधिकारियों के अनुसार एईएफआई के ‘मामूली’ मामले उत्तर पूर्वी और शाहदरा जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों से आए। दिल्ली में शनिवार को 81 केंद्रों पर टीकाकरण अभियान चलाया गया।एम्स के एक गार्ड को स्वदेशी टीका 'कोवैक्सीन' का शॉट दिया गया था। हालांकि, उन्हें कुछ ही देर में एलर्जी हुई और अस्पताल में भर्ती किया गया। एम्स के एक अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल गार्ड को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एम्स में कुल 95 स्वास्थ्यकर्मियों को शनिवार कोरोना का टीका लगाया गया था।नई दिल्ली नगर निगम के अधिकारी के मुताबिक, एनडीएमसी के चरक पालिका अस्पताल में दो स्वास्थ्यकर्मियों में कोविड-19 वैक्सीन लेने के बाद सामान्य एलर्जी हुई। इन्हें सीने में हल्का खिंचाव महसूस हुआ था। हालांकि, इन्हें आधे घंटे तक ऑब्जरवेशन में रखने के बाद छुट्टी दे दी गई। दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के के तहत भारत में शनिवार को 1 लाख 91 हजार 181 हेल्थकेयर लाभार्थियों को कोविड-19 का टीका दिया गया था। पहले चरण में देशभर के करीब 3 करोड़ लोगों को टीका दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।