जयपुर: राजस्थान के कोटा में रविवार देर रात राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहे 20 साल के छात्र ने कथिततौर पर आत्महत्या कर ली है। इस घटना के साथ इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या आठ तक पहुंच गई।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार घटना के संबंध में कोटा पुलिस ने बताया कि 28 मार्च को 19 साल के NEET अभ्यर्थी ने कोटा में अपने पीजी कमरे में कथित तौर पर फांसी लगा ली। इस घटना से एक दिन पहले 20 साल का एक अन्य छात्र अपने पीजी आवास में मृत पाया गया था।
वहीं पिछले साल कोटा में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 27 छात्रों की आत्महत्या की थी। मामले में कुन्हाड़ी पुलिस स्टेशन के एसएचओ अरविंद भारद्वाज ने बताया कि मृत छात्र हरियाणा के रोहतक का रहने वाला है, जिसने रविवार को अपने छात्रावास में छत के पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।
एसएचओ भारद्वाज ने कहा, "यह घटना तब सामने आई जब उसने शाम तक अपना दरवाजा नहीं खोला और उसके माता-पिता ने वार्डन को सूचित किया कि वो उनकी कॉल का जवाब नहीं दे रहा है।"
भारद्वाज ने कहा, "वार्डन ने पुलिस को बुलाया और उसे देखने गया, लेकिन कमरा अंदर से बंद था और कई बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, जिसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया और उसे छत के पंखे से लटका हुआ पाया।"
पुलिस ने कहा कि मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ और छात्र के माता-पिता को उसकी मौत के बारे में सूचित कर दिया गया। मृतक एक साल से अधिक समय से कोटा के एक कोचिंग सेंटर में पढ़ रहा था और पिछले जुलाई में हॉस्टल में शिफ्ट हुआ था।
एसएचओ ने कहा, “शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। एफएसएल टीम को बुलाया गया है। हम जांच कर रहे हैं कि क्या व्यवहार में कोई बदलाव आया है। इसके साथ हम यह भी जांच कर रहे हैं कि छात्रावास ने जिला प्रशासन के दिशानिर्देशों के अनुसार स्प्रिंग-लोडेड पंखे क्यों नहीं लगाए गये थे।"
भारद्वाज ने कहा कि पुलिस द्वारा दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर रिपोर्ट सौंपने के बाद छात्रावास प्राधिकरण के खिलाफ जांच शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा, "पुलिस द्वारा इस संबंध में जिला कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपने के बाद दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए छात्रावास प्राधिकरण के खिलाफ जांच शुरू की जाएगी।"
पिछले साल छात्रों के बीच आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच जिला प्रशासन ने 18 अगस्त को सभी छात्रावासों और पेइंग गेस्ट (पीजी) आवासों को "छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए" कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखे लगाने का आदेश दिया था। हालाँकि, दिशानिर्देश अपार्टमेंट पर लागू नहीं है।
जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार कोटा भारत के परीक्षण-तैयारी व्यवसाय का केंद्र है। जिसका सालाना व्यावसाय 10,000 करोड़ रुपया है। दसवीं कक्षा पूरी करने और आवासीय परीक्षण-तैयारी संस्थानों में पंजीकरण कराने के बाद देश भर से छात्र बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। वे स्कूलों में भी दाखिला लेते हैं, जिनमें से अधिकांश बड़े पैमाने पर प्रमाणन के उद्देश्य से होते हैं।