Uttarakhand Tunnel Collapse update: उत्तरकाशी के सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए देश के 140 करोड़ लोगों की प्रार्थनाओं का असर जल्द होगा और सुरंग में फंसे 41 मजदूर जल्द ही बाहर आएंगे। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। मालूम हो कि दीपावली के दिन उत्तरकाशी के सिलक्यारा-बारकोट के बीच बन रहे सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था। जिसमें मजदूर फंस गए थे।
गौर करने वाली बात है कि मजदूरों को सुरक्षित बचाने के लिए प्रदेश के सीएम लगातार अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। वहीं दूसरी तरफ उत्तरकाशी टनल साइट पर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस समय, ऐसा लगता है जैसे हम सामने के दरवाजे पर हैं और हम उस पर दस्तक दे रहे हैं। हम जानते हैं कि लोग दूसरी तरफ हैं। मैं देखने जा रहा हूं और देखूंगा कि क्या हो रहा है।
पीएमओ के पूर्व सलाहकार क्या बोले
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा हम अभी कोशिश कर रहे हैं कि 45 मीटर के आगे 6 मीटर और जाने के लिए जो पाइप वेल्डिंग करनी होती है, वे हम तैयार कर रहे हैं। रात में 45 मीटर के मुंह पर कुछ स्टील की संरचना सामने आ गई थी। उसको अंधेरे और बिना ऑक्सीजन के जगह पर काटने में हमें 6 घंटे लगे। हम उस पूरे हिस्से को साफ कर चुके हैं।
स्थानीय डीएम ने क्या कहा
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर डीएम अभिषेक रूहेला ने बताया सभी मशीनें काम कर रही हैं हम अधिकांश दूरी पूरी कर चुके हैं, थोड़ा काम बचा है। अभी किसी के लिए ये बताना संभव नहीं है कि कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा। कई बार नई समस्या आ जाती है। कार्य तेजी से चल रहा है। सभी के साथ सही से समन्वय बना कर कार्य हो रहा है।
कार्य पर भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों लगातार नजर रख रहे हैं। भारत सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है। अभी जो बचाव कार्य चल रहा है उसमें कुछ चुनौतियां आ रही हैं। उससे निजात पाने के लिए कुछ विशेषज्ञों को बुलाया गया है। उनके सलाह के आधार पर बचाव कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। काम करने वाले लोगों की सुरक्षा भी आवश्यक है।
क्या बोले जिला के एसपी
उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि हमारी बचाव कार्य योजना तैयार है। हम श्रमिकों को पुलिस एस्कॉर्ट के साथ ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से ले जाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान किया जा रहा है। मुझे लगता है कि चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा और फिर यदि आवश्यक हो तो ऋषिकेश ले जाया जाएगा।