पटनाः आरआरबी-एनटीपीसी के नतीजों के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। गया में एक यात्री ट्रेन में आग लगा दी गई। आरा में भी हिंसा हुआ। जहानाबाद में रेलवे की पटरियों पर बैठकर अपना विरोध जताया। इन सबके बीच पटना में छात्रों को जीएस पढ़ाने वाले मशहूर खान पर आरोप लगा कि उन्होंने ही छात्रों को भड़काया जिसके बाद ऐसी स्थिति बनी। इन्हीं आरोपों को लेकर उनपर एफआईआर भी दर्ज की गई है।
प्रशासन के आरोपों पर खान सर भी सामने आए और मीडिया से बातचीत में कहा कि लोग मौका ढूंढ रहे ताकि वे कह सकें कि ये सब खान सर के उकसाने पर हुआ है। खान सर इस वक्त ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। छात्रों को भड़काने के आरोपों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये गलत बात है। कुछ स्वतंत्र यूट्यूबर कुछ भी बोल देते हैं। हमने बच्चों को रोक कर रखा है। हमारे चैनल को एक हफ्ते से फ्रीज करके रखा गया है। अगर हम वीडियो डाल रहें और आरआरबी लिख रहे हैं तो यूट्यूब वीडियो डिलीट कर दे रहा है। हमने लड़कों को रोक कर रखा है।
खान सर ने आगे कहा कि आरा में लड़कों ने जो किया वो गलत है। कहीं से भी हिंसा स्वीकार नहीं है। बतौर शिक्षक हम उसकी निंदा करते हैं। यह नहीं होना चाहिए लेकिन आरआरबी ने एक अच्छा कदम उठाया ह है कि सभी छात्रों से उसने 16 फरवरी तक सुझाव मांगा है। और हरेक आरआरबी से कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट 4 मार्च तक दें। अभी पांच सदस्यों की समिति बैठाई गई है। आरआरबी अगर यह काम पहले कर दी होती तो यह बवाल नहीं होता।
खान सर ने कहा कि 2019 में आए नोटिफिकेशन में 15 दिन पहले बदलाव कर देंगे तो लोगों में गलतफहमी होगी। उन्होंने कहा कि वह आरआरबी के मुखिया से भी मिले लेकिन वे बात सुनने को राजी ही नहीं। खान सर ने कहा कि आरआरबी का कहना है कि वह नोटिफिकेशन में बदलाव नहीं कर सकती लेकिन उसने खुद तीन साल के नोटिफिकेशन में बदलाव करते हुए कह दिया कि अब मेंस लिया जाएगा। 15 दिन पहले ये सब बताइएगा तो लड़के सब नाराज होंगे ही।
खान सर ने कहा कि जयपुर के लड़के कह रहे थे कि हम आज आंदोलन करेंगे लेकिन हमने उन्हें रोककर रखा कि आज 26 जनवरी है कुछ नहीं करना है। रेलवे ने कमिटी जारी किया है। अगर लोगों को लग रहा है कि खान सर ने किया है तो हम चुप हो जाते हैं, आंदोलन भी खत्म हो जाना चाहिए। पटना के डीएम भी राजेंद्र नगर गए तो, उन्होंने कहा भी कि यह आंदोलन बिना किसी अगुवाई के चल रहा है।