साल 2015 की बात है। भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर ने रामजेठलानी से पूछा कि आप रिटायर कब होने वाले हैं। जेठमलानी ने मजाकिया लहजे में , 'माई लॉर्ड ये क्यों जानना चाहते हैं कि मैं कब मरूंगा।' इसके बाद कोर्ट रूम ठहाकों से गूंज उठा।
जेठमलानी ने रविवार सुबह करीब पौने आठ बजे नयी दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। संवैधानिक, आपराधिक और कॉरपोरेट हर तरह के जटिल से जटिल मुकदमों की आसानी से पैरवी करने वाले बेहतरीन विधिवेता राम जेठमलानी ने 95 साल की उमर में आंखें बंद करने के बाद अपने पीछे बेहद समृद्ध विरासत छोड़ा है। सात दशक लंबे अपने करियर में उन्होंने ना सिर्फ देश के सबसे बेहतर वकील के तौर पर बल्कि एक अच्छे और मुखर नेता के तौर पर भी अपनी पहचान बनायी जो हमेशा अपने मन की सुनता था।
राम जेठमलानी का जन्म पाकिस्तान के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था। उनके पिता बोलचंद गुरमुख और दादा भी वकील थे। इस वजह से उनका झुकाव भी वकालत के पेशे में हुआ। कराची के शाहनी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद जेठमलानी ने महज 17 साल की उम्र में कराची में प्रैक्टिस शुरू की।
उन्होंने हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की उम्र कम करके 21 साल करने के लिए कराची हाई कोर्ट में अर्जी दी और बाद में अपने दोस्त वकील एके बरोही के साथ मिलकर कराची में ही एक लॉ फर्म खोला। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद 1948 में वह मुंबई आ गए और वहीं प्रैक्टिस शुरू की। जेठमलानी को देश में बार एसोसिएशन के सबसे कम उम्र का सदस्य होने और सबसे उम्रदराज सदस्य होने का सम्मान प्राप्त है। वह देश के सबसे महंगे वकीलों में से भी एक थे।
जेठमलानी का राजनीतिक जीवन भी काफी दिलचस्प रहा। वह जनता पार्टी, भाजपा और राजद से सांसद रहे, अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे और बाद में उनके खिलाफ चुनाव भी लड़े। उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया जिसके लिए उन्होंने पार्टी के खिलाफ मुकदमा कर दिया। 1987 में 64 साल की उम्र में उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी भी पेश की।
जेठमलानी के कुछ हाई प्रोफाइल केस
- 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का केस उन्होंने लड़ा था। इसी केस के ऊपर अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'रूस्तम' बनी है। इस केस में उनकी दलीलों ने उन्हें पूरे देश में प्रसिद्ध कर दिया।
- 1960 के दशक में मुंबई के मशहूर डॉन हाजी मस्तान के स्मगलिंग से जुड़े कई मुकदमों की राम जेठमलानी ने पैरवी की थी। इस डॉन पर आधारित अजय देवगन अभिनीत फिल्म 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई' बनी।
- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जहां पूरे देश में कोई भी वकील आरोपियों सतवंत सिंह और केहर सिंह के लिए पैरवी करने को तैयार नहीं था तब राम जेठमलानी ने ही आगे बढ़कर इस केस को अपने हाथ में लिया था।
- जेसिका लाल मर्डर केस में जेठमलानी मनु शर्मा की तरफ से पेश हुए थे।
- उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से पेश हुए।
- 2G घोटाले में डीएमके नेता कणिमोझी की तरफ से पेश हुए थे।
- सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की तरफ से अदालत में हाजिर हुए थे।
- कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पेश हुए थे।
- शेयर बाजार के दलाल हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव में अदालत में पेश हुए थे।
- साल 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा के बचाव में कोर्ट में पेश हुए।
- चारा घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए 2013 में पैरवी की थी।
- 2013 में नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू की तरफ से पेश हुए थे।
- जेठमलानी ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और हवाला डायरी कांड में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से भी पैरवी की थी।
- बड़े कारोबारियों में से एक सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय सहारा के लिए राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर चुके हैं।