राम जेठमलानी के निधन के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ये दावा, जानें पूरा माजरा और क्या है सच 

By पल्लवी कुमारी | Published: September 12, 2019 10:50 AM2019-09-12T10:50:57+5:302019-09-12T10:50:57+5:30

राम जेठमलानी ने 8 सितंबर 2019 सुबह करीब पौने आठ बजे नयी दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। पिछले कुछ महीने से उनकी तबियत ठीक नहीं थी। जेठमलानी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री रहे थे। और बाद में 2004 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट से उन्हीं के खिलाफ चुनाव लड़े। वह 2010 में उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे।

Ram Jethmalani write english poem viral My Dying Conscience here is truth | राम जेठमलानी के निधन के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ये दावा, जानें पूरा माजरा और क्या है सच 

राम जेठमलानी के निधन के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ये दावा, जानें पूरा माजरा और क्या है सच 

Highlightsकराची के शाहनी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद जेठमलानी ने महज 17 साल की उम्र में कराची में प्रैक्टिस शुरू की।सोशल मीडिया पर राम जेठमलानी द्वारा अंग्रेजी कविता लिखने का दावा गलत है।

प्रख्यात विधिवेत्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का 8 सितंबर को 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बाद सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि अंग्रेजी कविता 'My Dying Conscience' उन्होंने लिखी है। सोशल मीडिया पर ये पोस्ट कई लोगों ने शेयर कर लिखा है कि इस कविता को लिखने वाले राम जेठमलानी हमारे बीच नहीं रहे। 

फेसबुक पर कई यूजर ने इस कविता को शेयर कर लिखा है कि इस प्यारी कविता को लिखने वाले राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।

 

फेसबुक यूजर 'राम रे' ने भी इस पूरी कविता को शेयर करते हुये ये बात लिखी है।

इस कविता को लेकर ट्विटर पर भी यही दावे किये जा रहे हैं। 

सोशल मीडिया पर राम जेठमलानी के इस अंग्रेजी कविता लिखने का दावा पूरी तरह गलत है। इंडिया टूडे के मुताबिक इस कविता को राम जेठमलानी ने नहीं लिखी है। इस कविता को लिखने वाली लेखिका का नाम है-  रश्मी त्रिवेदी। 

इस दावे की सच्चाई के लिए जब आप इस कविता की पहली पंक्ति को गूगल पर सर्च करने पर पता चला है कि  Siasat.com पर ये कविता साल 2017 में छपी थी। जिसमें लेखिका का नाम रश्मी त्रिवेदी लिखा है। 

फेसबुक पर लेखिका रश्मी त्रिवेदी का अधिकारिक अकाउंट है जिस पर ये कविता 2 दिसम्बर 2017 को पोस्ट भी की गई है। 

पोस्ट पर लोगों ने कमेंट कर के भी रश्मी त्रिवेदी को इस कविता के लिये बधाई दी है। जिसका रश्मी त्रिवेदी ने रिप्लाई भी किया है। 

राम जेठमलानी का परिचय

संवैधानिक, आपराधिक और कॉरपोरेट हर तरह के जटिल से जटिल मुकदमों की आसानी से पैरवी करने वाले बेहतरीन विधिवेता राम जेठमलानी ने 95 साल की उमर में आंखें बंद करने के बाद अपने पीछे बेहद समृद्ध विरासत छोड़ा है। सात दशक लंबे अपने करियर में उन्होंने ना सिर्फ देश के सबसे बेहतर वकील के तौर पर बल्कि एक अच्छे और मुखर नेता के तौर पर भी अपनी पहचान बनायी जो हमेशा अपने मन की सुनता था। जेठमलानी ने 8 सितंबर 2019 सुबह करीब पौने आठ बजे नयी दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। कराची के शाहनी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद जेठमलानी ने महज 17 साल की उम्र में कराची में प्रैक्टिस शुरू की। उस वक्त कराची भी भारत का हिस्सा हुआ करता था। वकील, नेता या मंत्री, भूमिका कोई भी हो बागी प्रकृति के जेठमलानी ने अपनी जिन्दगी खुल कर जी और कभी भी पार्टी लाइन की परवाह नहीं की।

Web Title: Ram Jethmalani write english poem viral My Dying Conscience here is truth

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