प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सीजीएम कोर्ट ने राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र के ओएसडी गोविंद राम जायसवाल के खिलाफ गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला प्रतापगढ़ शहर में हनुमान मंदिर की 6 बीघा जमीन में से सवा तीन बीघा जमीन पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके कब्जा करने का है।
क्या है पूरा मामला?
कलराज मिश्र के ओएसडी गोविंद राम जायसवाल सहित नौ लोगों के खिलाफ मामला बनाया गया है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पक्षकार रोशन लाल उमरबंशी का कहना है कि उनके पूर्वज कालूराम और अन्य पारिवारिक लोगों ने सन 1880 में 6 बीघा जमीन पर धर्मशाला, कुआं और मंदिर बनवाया था। इसका निर्माण होने के बाद 1885 में एक वसीयत बनी थी, जिसमें लिखा था कि परिवार का या मंदिर से जुड़ा कोई भी अन्य व्यक्ति जमीन को बेच नहीं सकता है।
वहीं, गोविंद राम जायसवाल का कहना है कि ये मामला दो परिवारों के बीच का है। उन्होंने ये भी बताया कि 1885 से इस जमीन को लेकर विवाद जारी है। इस मामले में राज्यपाल कलराज मिश्र के ओएसडी गोविंद राम जायसवाल का नाम सामने आने से यह हाईप्रोफाइल केस हो गया है। भास्कर से बातचीत करते हुए जायसवाल ने बताया कि उनके पिताजी ने इस जमीन के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है। यही नहीं, उनके निधन के बाद परिवार के सदस्यों और भाइयों को दावेदार माना गया, जिसके कारण इसमें उनका नाम भी शामिल हो गया।
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने ये भी कहा कि फर्जी दस्तावेजों पर उनका एक भी जगह हस्ताक्षर नहीं है औरमहज मामले को तूल दिया जा रहा है। उन्हें बदनाम किया जा रहा है। गोविंद राम जायसवाल ने ये भी कहा कि उन्हें ये भी नहीं पता कि विवादित जमीन कौन सी है। वो वहां कभी नहीं गए।