राजस्थान सरकार ओबीसी सूची में 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने पर विचार करेगी, 4 जून के बाद होगा फैसला

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 25, 2024 10:42 AM2024-05-25T10:42:58+5:302024-05-25T10:45:02+5:30

भाजपा शासित राज्य राजस्थान अपनी ओबीसी सूची में 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। राजस्थान से ये खबर तब आई है जब कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में बंगाल की टीएमसी सरकार द्वारा ओबीसी के रूप में वर्गीकृत 77 वर्गों, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं, को खत्म कर दिया गया है।

Rajasthan government will consider reviewing 14 Muslim groups in OBC list | राजस्थान सरकार ओबीसी सूची में 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने पर विचार करेगी, 4 जून के बाद होगा फैसला

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (फाइल फोटो)

Highlights राजस्थान अपनी ओबीसी सूची में 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा हैकलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए अहम फैसले के बाद शुरू हुआ मंथन 4 जून (लोकसभा परिणाम दिवस) के बाद भजनलाल सरकार ले सकती है फैसला

जयपुर: भाजपा शासित राज्य राजस्थान अपनी ओबीसी सूची में 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने पर विचार कर रहा है। राजस्थान से ये खबर तब आई है जब कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में बंगाल की टीएमसी सरकार द्वारा ओबीसी के रूप में वर्गीकृत 77 वर्गों, जिनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं, को खत्म कर दिया गया है।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश कहा है कि हम 4 जून (लोकसभा परिणाम दिवस, जिसके बाद आदर्श आचार संहिता हटा दी जाएगी) के बाद जांच करेंगे कि 1997 से 2013 तक ओबीसी सूची में इन (मुस्लिम) समुदायों को शामिल करना कानूनी था या अवैध।

बता दें कि 22 मई को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 2010 में कई वर्गों को दिया गया अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा बुधवार को रद्द कर दिया था और राज्य में सेवाओं व पदों पर रिक्तियों में इस तरह के आरक्षण को अवैध करार दिया था। अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने कहा था कि इन समुदायों को ओबीसी घोषित करने के लिए वास्तव में धर्म ही एकमात्र मानदंड प्रतीत होता है। उच्च न्यायालय ने कहा कि यह अदालत इस संदेह को अनदेखा नहीं कर सकती कि  उक्त समुदाय (मुसलमानों) को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एक साधन माना गया।

राज्य के आरक्षण अधिनियम 2012 के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आदेश पारित करते हुए उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जिन वर्गों का ओबीसी दर्जा हटाया गया है, उसके सदस्य यदि पहले से ही सेवा में हैं या आरक्षण का लाभ ले चुके हैं या राज्य की किसी चयन प्रक्रिया में सफल हो चुके हैं, तो उनकी सेवाएं इस फैसले से प्रभावित नहीं होंगी। 

 मई 2011 तक पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा सत्ता में था और उसके बाद तृणमूल कांग्रेस सरकार सत्ता में आई। अदालत ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा) (सेवाओं और पदों में रिक्तियों का आरक्षण) कानून, 2012 के तहत ओबीसी के तौर पर आरक्षण का लाभ प्राप्त करने वाले 37 वर्गों को संबंधित सूची से हटा दिया। अदालत ने इस तरह के वर्गीकरण की सिफारिश करने वाली रिपोर्ट की अवैधता के चलते 77 वर्गों को ओबीसी की सूची से हटाया, अन्य 37 वर्गों को पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग का परामर्श न लेने के कारण हटाया गया। 

हालां कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार 2010 के बाद से राज्य में जारी किए गए सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्र रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी। 

Web Title: Rajasthan government will consider reviewing 14 Muslim groups in OBC list

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