मयूरभंज: भाजपा के केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु पर सरकारी कर्मचारियों को पीटने का आरोप लगा है। पीड़ितो के मुताबिक, विश्वेश्वर टुडु कुछ फाइलों को लेकर अपने यहां बुलाया था, लेकिन अधिकारी किसी कारण वश वहां नहीं पहुंच पाए थे जिससे वह गुस्सा हो गए थे। उनका कहना है कि इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कथित तौर पर उन्हें कमरे में बंद करके कुर्सियों से खूब पीटा था। इस घटना से नाराज सरकारी कर्मचारी ने पुलिस से इसकी शिकायत भी की है और सीआरपीसी की धारा 161 के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं इस मामले में जब मंत्री जी से पूछा गया तो उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
क्या है पूरा मामला
सरकारी कर्मचारियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने उन्हें बारीपाड़ा स्थित पार्टी कार्यालय में एक समीक्षा बैठक के लिए बुलाया था। पंचायत चुनाव के कारण शहर में आदर्श आचार संहिता लागू था जिसके कारण वे फाइल नहीं ला पाए और बैठक में भी शामिल नहीं हो पाए थे। यह बात मंत्री जी को रास नहीं आई और वे गुस्सा हो गए थे। आरोप है कि इसके बाद मंत्री जी ने दोनों कर्मचारियों को कमरे में बंद करके पीटा था। इस मारपीट में एक कर्मचारे के हाथ टूटने और दूसरे को जख्मी होने की खबर सामने आई है।
मयूरभंज जिले के प्लानिंग बोर्ड के सहायक निदेशक देबाशीष अधिकारी ने बताया, 'हमने उन्हें समझाने की कोशिश की थी कि अभी पंचायत चुनाव को देखते हुए आदर्श आचार संहिता लागू है और इसलिए हम फाइल नहीं ला सके। लेकिन वो नाराज हो गए और हमारी बात सुनने से इनकार कर दिया। उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और कुर्सी उठाकर हमें पीटने लगे।'
केंद्रीय मंत्री ने आरोपों से किया इनकार
मामले में जब केंद्रीय मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने इस बात को बेबुनियाद ठहराया और कहा कि उनकी छवि को खराब करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। हालांकि मंत्री जी ने बैठक में बोलाने वाली बात को माना है, लेकिन वे मारपीट के आरोप को सीधा खारिज कर दिय है। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि केद्रीय मंत्री ने बैठक में शामिल नहीं होने वाली बात को प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया था और इसके बात यह घटना घटी है।