नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब को खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर 10 यूट्यूब चैनलों से 45 यूट्यूब वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। सोमवार को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा, खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने YouTube को 10 यूट्यूब चैनलों से 45 वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। अवरुद्ध वीडियो को 1 करोड़ 30 लाख से अधिक बार देखा गया था।
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सामग्री में धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने के इरादे से फैलाई गई फेक न्यूज और मॉर्फ्ड वीडियो शामिल थे। उदाहरणों में झूठे दावे शामिल हैं जैसे सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकारों को छीन लिया है, धार्मिक समुदायों के खिलाफ हिंसक धमकी आदि। मंत्रालय ने कहा, इस तरह के वीडियो में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने की क्षमता पाई गई है।
बता दें कि 23 सितंबर को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 के प्रावधानों के तहत संबंधित वीडियो को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए गए थे।
इसके अलावा, मंत्रालय द्वारा अवरुद्ध किए गए कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर, से संबंधित मुद्दों पर दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा था। सामग्री को राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से गलत और संवेदनशील माना गया।
मंत्रालय ने आगे कहा कि अवरुद्ध सामग्री को भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों और देश में सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक पाया गया। आपत्तिजनक सामग्री को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के दायरे में शामिल किया गया है। मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "भारत सरकार भारत की संप्रभुता और अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध है।"