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मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष उमंग को हाईकोर्ट का नोटिस, शाजापुर विधायक भीमवाद की पिटीशन भी इंदौर ट्रांसफर

By नईम क़ुरैशी | Published: April 13, 2024 5:52 PM

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की तरफ से जनवरी 2023 में इलेक्शन पिटिशन लगाई गई थी। जिसमें नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का नाम भी शामिल है। उमंग सिंघार गंधवानी से विधायक और नेता प्रतिपक्ष है।

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ठळक मुद्दे भाजपा प्रत्याशियों की तरफ से जनवरी 2023 में इलेक्शन पिटिशन लगाई गई थीनेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का नाम भी शामिल हैउमंग सिंघार गंधवानी से विधायक और नेता प्रतिपक्ष है

इंदौर: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की तरफ से जनवरी 2023 में इलेक्शन पिटिशन लगाई गई थी। जिसमें नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का नाम भी शामिल है। उमंग सिंघार गंधवानी से विधायक और नेता प्रतिपक्ष है। गंधवानी से उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सरदारसिंह मेड़ा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और सिंघार ने सरदार सिंह मेड़ा को 22,119 वोट से चुनाव भी हराया। बाद मे उमंग सिंगार के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका में चुनाव में जानकारी छुपाने और चुनाव जीतने के लिए करप्ट प्रैक्टिस के आधार पर याचिका लगाई गई थी। साथ ही इस चुनाव प्रचार के दौरान भी एक वाहन को जब तक किया गया था। जिसमें शराब जप्त हुई थी और बताया जा रहा है कि इस वाहन की अनुमति प्रत्याशी उमंग सिंघार के नाम पर थी। निर्वाचन आयोग ने खुद इस गाड़ी को पकड़कर केस दर्ज भी करवाया था।

ईवीएम रिलीज़ करने के आदेश

गंधवानी के विधायक उमंग सिंघार और शाजापुर के विधायक अरुण भीमावद की चुनाव याचिका के मामले में हाईकोर्ट ने ईवीएम को रिलीज करने के भी आदेश दिया है। साथ ही सबसे पहले इन सभी ईवीएम मशीनों का डाटा भी प्रिजर्व किया जाएगा। मामले में प्रशासन ने हाई कोर्ट के सामने लोकसभा चुनाव में ईवीएम की कमी होने का हवाला देते हुए भी याचिका लगाई थी। प्रशासन ने कहा था कि ईवीएम मशीनों की कमी है इसलिए उन्हें रिलीज कर दिया जाए।

जबलपुर से इंदौर ट्रांसफर की पिटीशन

इलेक्शन पिटिशन जबलपुर की प्रिंसिपल बैच में प्रस्तुत की गई थी और जांच के बाद इलेक्शन पिटिशन अपडेट करने के बाद इंदौर ट्रांसफर कर दी गई है। जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बेंच में याचिका की सुनवाई की गई। जिसमें नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए गए। आपको बता दे कि शाजापुर के विधायक अरुण भीमावद की याचिका भी ट्रांसफर होकर इंदौर हाई कोर्ट आई है और इस मामले की सुनवाई भी इंदौर हाई कोर्ट में ही होगी। अरुण भीमावद प्रदेश में सबसे कम वोट से जीतने वाले विधायक हैं। उन्होंने भारी भीतरघात का सामना करते हुए दूसरी बार शाजापुर विधानसभा से जीत दर्ज कराई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन 45 हजार की हार को मात्र 28 वोट से जीत में बदलने वाले भीमवाद ने विरोधियों के साथ पार्टी के भीतरघातियों को भी चौंका दिया था।

टॅग्स :मध्य प्रदेशकांग्रेसBJPहाई कोर्ट
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