नयी दिल्ली, 19 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के बहुचर्चित आरूषि- हेमराज हत्याकांड में आज तलवार दंपति को नोटिस जारी किये। न्यायालय ने इस हत्याकांड में मारे गये घरेलू सेवक हेमराज की पत्नी की अपील पर ये नोटिस जारी किये। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ हेमराज की पत्नी खुमकला बंजाडे की अपील पर राजेश तलवार और नूपुर तलवार को नोटिस जारी किये। उच्च न्यायालय ने इस दपंति को पिछले साल12 अक्तूबर को बरी कर दिया था।बंजाडे ने पिछले साल दिसंबर में अपील दायर की थी जबकि केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने इस फैसले के खिलाफ हाल ही में अपील दायर की है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में सीबीआई की अदालत ने26 नवंबर, 2013 को तलवार दंपति को अपनी बेटी आरूषि और घरेलू सेवक हेमराज की हत्या के सिलसिले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी। अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाने के बाद से यह दंपति गाजियाबाद स्थित डासना जेल में बंद था। उच्च न्यायालय के फैसले के बाद उसे जेल से रिहा कर दिया था।तलवार दंपति की14 वर्षीय पुत्री आरूषि मई, 2008 में नोएडा स्थित अपने घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिली थी। उसका गला रेता हुआ था। इसके दो दिन बाद ही घरेलू सेवक का शव भी इस दंपति के घर की छत पर मिला था। उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच को लेकर उठे सवालों के बाद इस प्रकरण को केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दिया गया था।
इससे पहले 8 मार्च को आरुषि-हेमराज मर्डर केस मामले में तलवार दंपत्ति को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बरी किए जाने के बाद सीबीआई ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में तलवार दंपति की रिहाई को लेकर चुनौती दी थी। 12 अक्टूबर 2017 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राजेश तलवार और नुपुर तलवार को सबूतों के अभाव में क्लीन चिट दे दिया था।
क्या है पूरा मामला?
16 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार में रहने वाली 14 साल की आरुषि की हत्या हुई थी। शुरूआती जांच में पुलिस को घर के नौकर हेमराज पर शक हुआ लेकिन फिर दो दिन बाद घर के छत पर हेमराज का शव मिला। यह मामला शुरुआत से लेकर अब तक एक मिस्ट्री ही रहा है और आज भी यह साबित नहीं हो पाया है कि हत्यारा कौन है? अब सीबीआई मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सीबीआई ने अपनी अपील में कहा है कि निचली अदालत का फैसला सही था और हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को उलटकर तलवार दंपत्ति को बरी कर दिया है जो सही नहीं है।