लाइव न्यूज़ :

कपिल सिब्बल का ब्लॉग: फर्जी खबरों पर अंकुश के बहाने भारत में सेंसरशिप का नया रूप, हर तरह की आलोचना खत्म करना चाहती है सरकार

By कपील सिब्बल | Published: April 28, 2023 10:10 AM

Open in App

केंद्र सरकार ने 6 अप्रैल, 2023 को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 को अधिसूचित किया, जो ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने के अलावा, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) को केंद्र के किसी भी कार्य के संबंध में फर्जी या भ्रामक ऑनलाइन सामग्री की पहचान करने का अधिकार देता है. इसका मतलब यह है कि अब ऐसी किसी भी जानकारी को हटाया जासकता है, जो पीआईबी को फर्जी लगती है. लेकिन बात इतनी ही नहीं है.

इस संशोधन में पीआईबी के फरमान का पालन नहीं करने की स्थिति में आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मध्यस्थों को प्रदान किए गए कानूनी विशेषाधिकार की वापसी निहित है. यह संशोधन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने और सूचना के प्रवाह को विनियमित करने की इस शासन की प्रवृत्ति के अनुरूप है. सरकार इस बात से अवगत है कि बिचौलिए अगर ऐसी सामग्री को हटाने के लिए पीआईबी के फरमानों को नहीं मानते हैं, जो उसे अप्रिय लगती है तो उन्हें अदालती प्रक्रियाओं में शामिल होने का जोखिम उठाना होगा, जो वे नहीं उठाना चाहेंगे.

संशोधन का जाहिरा कारण तो फर्जी खबरों पर अंकुश लगाना है, लेकिन यह केवल एक बहाना है. इस कदम के पीछे असली मंशा हर तरह की आलोचना को खत्म करना है. एक बार मध्यस्थों के मान लेने के बाद, जैसा कि वे बाध्य हैं, सरकार की किसी भी आलोचना को इस आधार पर हटा दिया जाएगा कि यह गलत तरीके से पेश की गई है या गुमराह करती है. मूल रूप से, यह संशोधन सरकार को यह तय करने का अधिकार देता है कि वह किन खबरों को फर्जी मानती है. इससे आगे की निरंकुशता का मार्ग प्रशस्त होता है क्योंकि ‘तथ्य-जांच इकाई’ इस तरह के निर्धारण में अपने व्यक्तिपरक निर्णय का प्रयोग करेगी. यह इस पूरे प्रकरण का सबसे गहरा चिंताजनक पहलू है.

इस घटनाक्रम से हम सभी को चिंतित होना चाहिए. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने यह कहते हुए अपना विरोध व्यक्त किया कि ‘सरकार ने यह निर्धारित करने के लिए खुद को एकाधिकार दे दिया है कि क्या फर्जी है और क्या नहीं...’ इस संशोधन के मद्देनजर, राष्ट्रीय मुद्दों पर हमारी चर्चा, सत्तारूढ़ शासन की हमारी आलोचना और लोकतंत्र को मजबूत रखने के लिए हमारी भागीदारी को ‘फर्जी समाचार’ की आड़ में रोक दिया जाएगा. इस संशोधन के बल पर सरकार फर्जी जानकारी क्या है और क्या नहीं, यह तय करने के बहाने अपने राजनीतिक स्वभाव के खिलाफ जाने वाली किसी भी जानकारी को हटा देगी.

टॅग्स :Information and Broadcasting Ministry
Open in App

संबंधित खबरें

भारतव्हाट्सएप ने भारत में लगभग 80 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबंध लगाया, 1 मार्च से 31 मार्च 2024 के बीच की कार्रवाई

बॉलीवुड चुस्कीNational Film Awards: ‘सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ और ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ का नाम बदला, जानें क्या है नया नाम

भारतViksit Bharat Sankalp Yatra: पीएम मोदी 'विकसित भारत संकल्प' यात्रा को 15 नवंबर को करेंगे लॉन्च, 2 माह तक चलेगी यात्रा

टेकमेनियाकेंद्र ने यूट्यूब, एक्स और टेलीग्राम से बाल यौन शोषण सामग्री हटाने की दी चेतावनी, जारी किया नोटिस

भारतओटीटी पर बढ़ते अश्लील कंटेंट को लेकर सरकार गंभीर, अनुराग ठाकुर ने कहा- क्रिएटिविटी के नाम पर गाली गलौज बर्दाश्त नहीं

भारत अधिक खबरें

भारत'अरविंद केजरीवाल के सहयोगी ने मुझे थप्पड़ मारा, लात मारी': स्वाति मालीवाल ने मामले में चुप्पी तोड़ते हुए लगाए आरोप

भारतGhatkopar hoarding collapse: मुंबई पुलिस ने बिलबोर्ड मालिक भावेश भिंडे को किया गिरफ्तार

भारतMaharashtra LS Polls 2024: नासिक में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामान की जांच की

भारतSwati Maliwal assault case: मारपीट की घटना को लेकर स्वाति मालीवाल ने पुलिस में की शिकायत, रिकॉर्ड कराए अपने बयान

भारतBihar Politics News: जिस तरह सूरज का उगना तय वैसे ही नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना तय..., भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने दावा किया