National Film Awards: ‘सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ और ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ का नाम बदला, जानें क्या है नया नाम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 13, 2024 04:41 PM2024-02-13T16:41:15+5:302024-02-13T16:43:47+5:30
National Film Awards: बदलावों में दादा साहब फाल्के पुरस्कार सहित नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी और कई पुरस्कारों को शामिल किया जाना शामिल है।
National Film Awards: ‘सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ और ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ का नाम बदल दिया गया है और इनमें से दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज अभिनेत्री के नाम को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के लिए किए गए बदलावों के तहत हटा दिया गया है। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। ‘सत्तरहवें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022 के नियम’ विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले पुरस्कारों को तर्कसंगत बनाने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति के सुझाए परिवर्तनों को दर्शाते हैं। इन बदलावों में दादा साहब फाल्के पुरस्कार सहित नकद पुरस्कारों में बढ़ोतरी और कई पुरस्कारों को शामिल किया जाना शामिल है।
समिति के एक सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘समिति ने महामारी के दौरान बदलावों के बारे में विचार किया था। ये बदलाव करने का फैसला अंतत: सर्वसम्मति से हुआ।’’ समिति के सदस्य फिल्मकार प्रियदर्शन ने कहा कि उन्होंने दिसंबर में अपनी अंतिम सिफारिशें दी थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ध्वनि जैसे तकनीकी विभाग में भी कुछ सिफारिशें दी हैं।’’
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022 के लिए प्रविष्टियां 30 जनवरी तक जमा हुई थीं। महामारी के कारण पुरस्कार एक साल देरी से प्रदान किये जा रहे हैं और 2023 में 2021 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए गए। समिति द्वारा सुझाए गए और 'विनियमों' में शामिल परिवर्तनों के अनुसार, ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार’ का नाम बदलकर ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म’ कर दिया गया है। पुरस्कार राशि, जो पहले निर्माता और निर्देशक के बीच विभाजित होती थी, अब केवल निर्देशक को दी जाएगी।
इसी तरह, ‘राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार’ को अब ‘राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म’ कहा जाएगा। इस श्रेणी में सामाजिक मुद्दों और पर्यावरण संरक्षण के लिए पुरस्कार वर्गों को मिला दिया गया है।
समिति की अध्यक्षता सूचना और प्रसारण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव नीरजा शेखर ने की। इसमें फिल्म निर्माता प्रियदर्शन, विपुल शाह, हाओबम पबन कुमार, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के प्रमुख प्रसून जोशी, छायाकार एस नल्लामुथु के साथ-साथ सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव पृथुल कुमार और मंत्रालय के निदेशक (वित्त) कमलेश कुमार सिन्हा शामिल रहे।