दिल्ली पुलिस बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत मामले मे साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी कराएगी. पुलिस ने मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स से अनौपचारिक राय मांगी है कि क्या भाटिया परिवार साइकोटिक डिसऑर्डर से पीड़ित तो नहीं था। साइकोटिक डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी है जिसमें कोई एक व्यक्ति भ्रमपूर्ण मान्यताओं का शिकार होता है. पुलिस को इस घर से हाथ से लिखे नोट मिले हैं, उनसे ये बात निकल कर आई है कि भाटिया परिवार के बेटे ललित को मृत्यु के बाद भी अपने पिता को देखने और उनसे बात करने का भ्रम था। ललित का पूरे परिवार पर इतना प्रभाव था कि उसने सभी को भगवान से मिलने के नाम पर आत्महत्या के लिए तैयार कर लिया था। चूंकि पूरा परिवार उसके भ्रम को मान्यता देने लगा था, तो इसलिए सभी आसानी से इसके लिए तैयार हो गए। साइकोलॉजिकल ऑटोपसी में यह देखा जाता है कि व्यक्ति अपनी मृत्यु से पहले के क्षणों में किस मनोदशा में रहा होगा. इसमें मृतकों के परिजन, सामाजिक संपर्क में रहे व्यक्तियों और अन्य चीजों से प्राप्त जानकारी के जरिए की जाती है. इसमें मृतकों की कुछ हफ्ते या कुछ महीने पहले की मनोदशा जानने की भी कोशिश की जाती है।