Ayurvedic Remedies for Preventing Sun Stroke: कैसे बचे 'लू' से, जानिए आयुर्वेद के कारगर नुस्खे

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 29, 2024 06:45 AM2024-03-29T06:45:07+5:302024-03-29T06:45:07+5:30

आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के दिनों में लू से बचने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए।

Ayurvedic Remedies for Preventing Sun Stroke: How to avoid heat stroke, know the effective remedies of Ayurveda | Ayurvedic Remedies for Preventing Sun Stroke: कैसे बचे 'लू' से, जानिए आयुर्वेद के कारगर नुस्खे

फाइल फोटो

Highlightsलू से बचने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करना चाहिएमनुष्य को लू तभी लगती है, जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाता हैलू बेहद घातक होती है, उसके लगने से अंग विफलता, कोमा या मृत्यु भी हो सकती है

Ayurvedic Remedies for Preventing Sun Stroke: आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के दिनों में लू से बचने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। आयुर्वेद कहता है कि मनुष्य को लू उसी स्थिति में अपना शिकार बनाती है, जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाता है। लू लगने से चेतना की हानि, भ्रम और दौरे पड़ते हैं। यदि समय रहते स्थिति पर ध्यान नहीं दिया जाए तो लू लगने से अंग विफलता, कोमा या मृत्यु भी हो सकती है।

यहां हमें यह भी जानना आवश्यक है कि लू या हीटस्ट्रोक दो प्रकार के होते हैं। जिनमें से पहले को एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक और दूसरे को नॉन-एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक कहते हैं। एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक गर्म और आर्द्र वातावरणों में शारीरिक अत्यधिक परिश्रम के कारण होता है। यह कुछ ही समय में भयंकर रूप से विकसित हो सकता है, शायद कुछ घंटों में। वहीं नॉन-एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक उम्र या अन्य बीमारियों के परिणामस्वरूप होता है। ऐसा लू एक दिन में नहीं बल्कि कई दिनों में विकसित होता है। लू लगने के लक्षण और उपाय के बारे में जानने से पहले उन कारकों के बारे में पता होना चाहिए जो लू के जोखिम भरी स्थितियों को आमंत्रित करती हैं।

लू का प्रभाव और कारण 

लू से सबसे अधिक खतरा वृद्ध और शिशुओं को होता है क्योंकि उनके शरीर तापमान को अच्छी तरह से नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हो होता है। फील्ड में कार्य करने वाले या  एथलीट जिन्हें गर्म परिस्थितियों में शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है, वो लू के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं।

लू लगने की ,बसे अधिक संभावना तब होती है, जब मनुष्य शराब का सेवन करता है। रोजाना के दिनचर्या में पर्याप्त पानी नहीं पीता है। लू उन्हें भी शिकार बना सकता है, जिन्हें हृदय की समस्याएं, किडनी की समस्याएं या नींद की बीमारी से प्रभावित होते हैं। 

इसके अलावा तेज़ धूप में नंगे पैर चलना, घर से बिना कुछ खाए निकलना, एसी वाली जगह से निकलकर तुरंत धूप में चले जाना, धूप से बाहर आकर तुरंत ठंडा पानी पीना और कम पानी पीने वालों को लू जल्दी अपनी चपेट में लेती है।

लू लगने के लक्षण 

लू लगने पर सिर में तेज दर्द होता है
लू लगने पर चक्कर आना या बेहोश हो जाना, आम लक्षण हैं
लू लगने से सांस लेने में परेशानी हो सकती है
लू लगने पर शरीर का तापमान तेजी के साथ बढ़ जाता है, बुखार आता है
लू के कारण शरीर का तापमान तेज हो जाता है
लू लगने पर शरीर से बिल्कुल पसीना नही आता है  


लू से बचाव के उपाय 

लू से बचने के लिए मौसमी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए 

शरीर में पानी की कमी को दूर करता चाहिए

गर्मियों में हल्का खाना खाने से लू का प्रभाव नहीं होता है 

गर्मियों में रोजाना दो या तीन बार नींबू-पानी का सेवन करना चाहिए

नींबू का शर्बत, शिकंजी या खाने में नींबू इस्तेमाल जरूर करना चाहिए

नींबू में विटामिन सी पाया जाता है, जो कि शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है

आम का पन्ना लू से बचाने में बहुत कारगर होता है

आयुर्वेद के अनुसार लू से बचने के लिए ठंडी तासीर वाली वस्तुओं को खाना चाहिए

बेल का शरबत लू के मौसम में बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है

गन्ने का जूस भी लू के मौसम में बहुत ही लाभकारी माना जाता है

लू से बचने के लिए दही और लस्सी भी बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है

लू से बचने के लिए नींबू-सत्तू का सेवन करें

सत्तू में पानी और नींबू निचोड़े, फिर उसमें जीरा पाउडर और काला नमक मिलाकर लेना चाहिए

Web Title: Ayurvedic Remedies for Preventing Sun Stroke: How to avoid heat stroke, know the effective remedies of Ayurveda

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