हैदराबाद: केंद्रीय मंत्री और सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी जी किशन रेड्डी ने विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वो आरक्षण को लेकर जनता के बीच 'असुरक्षा की भावना' का झूठ फैला रही है, जबकि लोग चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनें।
केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "तेलंगाना में भाजपा का जबरदस्त तरीके से चुनाव अभियान शुरू हो गया है। यहां पर के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) लोकसभा चुनाव में बहुत पीछे है क्योंकि लोगों की इच्छा है कि नरेंद्र मोदी एक बार फिर से देश के प्रधानमंत्री बनें।"
उन्होंने मुख्य विपक्षी दल और तेलंगाना की सत्ता पर काबिज कांग्रेस की भी आलोचना की और कहा, "कांग्रेस असुरक्षा की भावना से जनता के बीच झूठा प्रचार कर रही है। वे आरक्षण के बारे में झूठ फैला रहे हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इसे लेकर बेशर्मी से प्रचार कर रहे हैं, जबकि आरक्षण के मुद्दे पर किसी ने कुछ नहीं बोला है।"
उन्होंने आरक्षण को लेकर झूठ फैलाने के लिए सीएम रेड्डी की खासी निंदा करते हुए कहा, ''सीएम रेड्डी लोगों से आरक्षण के बारे में सफेद झूठ बोल रहे हैं। भाजपा को बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान में पूरा विश्वास है और हम उसी के अनुसार काम करते हैं, कोई भी देश के संविधान को नहीं बदल सकता है।''
इससे पहले शनिवार को सीएम रेड्डी ने कहा था, ''बीजेपी 2025 तक संविधान को बदलकर इसे आरएसएस के मुताबिक बनाना चाहती है। इसके लिए उन्हें दो-तिहाई बहुमत की जरूरत ह। इसलिए भाजपा इस चुनाव में '400 पार' का नारा दे रही है। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी सत्ता वापस मिलने के बाद एससी, एसटी, बीसी और ओबीसी पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।"
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को एएनआई से बात करते हुए दोहराया कि जब तक भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए सत्ता में है, तब तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण या कोटा पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा।
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी हमारे खिलाफ अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा इस देश की सत्ता पर 10 साल से काबिज है और दो बार पूर्ण बहुमत के साथ चुनी गई है। अगर हम वास्तव में इस इरादे या प्रेरणा के साथ काम कर रहे होते देश में आरक्षण ख़त्म करो, तो अब तक ये हो गया होता। सत्ता में कोई भी हो, नो आरक्षण वापस लेने की हिम्मत नहीं कर सकता।''