यूक्रेन सोवियत संघ के विघटन के बाद 1991 में रूस से अलग हुआ था। यूक्रेन के हालांकि बाद के वर्षों में NATO से जुड़ने की कोशिश से रूस असहमति दिखाता रहा है। रूस को लगता है कि यूक्रेन NATO से जुड़ने से उसकी सुरक्षा हमेशा खतरे में रहगी। रूस का मानना है कि अमेरिका सहित नाटो के अन्य सदस्य देशों की सेनाएं उसकी सीमा के बेहद करीब आ जाएंगी और वह एक तरह से चारों ओर से घिर जाएगा। इसी के खिलाफ रूस कदम उठाने की बात कर रहा है और यूक्रेन पर कार्रवाई की बात कर रहा है। Read More
इसमें कोई संदेह नहीं कि दुनिया के पटल पर इस वक्त भारत बहुत मजबूत स्थिति में है. कोई भी देश भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता. निश्चित रूप से भारत की इस ताकत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कूटनीति और दृढ़ता से नया आयाम दिया है. इसलिए तो पुतिन भी उनक ...
सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल की कीमतों में सुधार आया है। इसके पीछे की वजह विदेशों में बढ़ी मांग और जारी रूस-यूक्रेन युद्ध को भी बताया जा रहा है। ...
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर भारत की तारीफ की। उन्होंने भारतीयों को प्रतिभाशाली और विकास में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने की महान क्षमता के साथ प्रेरित कहा। ...
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने चेतावनी दी कि यूक्रेनी अत्यंत कठिन परिस्थितियों में दुनिया की सबसे कठोर सर्दियों में से एक का सामना करने वाले हैं। ...
रूस ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के अनाज निर्यात करने के समझौते को तत्काल प्रभाव से रोक देगा। अमेरिका समेत विश्व के कई देशों का मानना है कि रूस द्वारा समझौता निलंबित करने से वैश्विक भुखमरी बढ़ेगी। ...
भारत में हाल में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को लेकर चिंता कम हुई है। एक सर्वे में ऐसा दावा किया गया है। इप्सोस (Ipsos) के सर्वे के अनुसार हालांकि कोरोना और यूक्रेन युद्ध का असर भारत पर भी काफी पड़ा है। ...
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला करता है या ऐसी स्थिति बनती है तो पूरे यूरोप, एशिया और अमेरिका में संघर्ष के पहले कुछ घंटों के भीतर कुल 90 मिलियन लोग मारे जाएंगे। धरती का पूरा क्लाइमेट सिस्टम ही बिगड़ जाएगा। ...