रूस ने यूक्रेन के साथ अनाज निर्यात सौदे को किया रद्द, अमेरिका समेत विश्व में बढ़ी भुखमरी की चिंता
By भाषा | Published: October 30, 2022 07:33 PM2022-10-30T19:33:12+5:302022-10-30T19:36:57+5:30
रूस ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के अनाज निर्यात करने के समझौते को तत्काल प्रभाव से रोक देगा। अमेरिका समेत विश्व के कई देशों का मानना है कि रूस द्वारा समझौता निलंबित करने से वैश्विक भुखमरी बढ़ेगी।
कीव: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से यूक्रेन के अनाज का निर्यात करने के समझौते को रूस द्वारा निलंबित करने से वैश्विक भुखमरी बढ़ेगी। डेलवेयर के विल्मिंगटन में बाइडन ने कहा, ‘‘यह वाकई अपमानजनक है। वे क्या कर रहे हैं, उसका कोई मतलब नहीं है।’’
रूस ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन के अनाज का निर्यात करने के समझौते के क्रियान्वयन को तत्काल रोक देगा। उसने आरोप लगाया कि यूक्रेन ने शनिवार को रूस के काला सागर बेड़े के जहाजों पर ड्रोन से हमला किया था।
जानकारी के मुताबिक इस समझौते की वजह से 397 जहाजों के जरिये यूक्रेन से 90 लाख टन से अधिक अनाज का निर्यात हुआ था और वैश्विक स्तर पर खाद्य कीमतों में कमी आई थी। इसका नवीनीकरण नवंबर में होना था। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि इस फैसले का अनुमान पहले ही लगाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि रूस सितंबर से ही जानबूझकर खाद्य संकट बढ़ा रहा है।
जेलेंस्की ने कहा कि इस समय अनाज से भरे करीब 176 जहाजों को यूक्रेन के बंदरगाहों से निकलने से रोका गया। उन्होंने शनिवार की रात देश के नाम अपने संबोधन में कहा, "यह 70 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए भोजन है। ऐसा क्यों है कि क्रेमलिन में कहीं बैठे हुए मुट्ठीभर लोग फैसला कर सकते हैं कि मिस्र या बांग्लादेश में लोगों को भोजन मिलेगा या नहीं।"
रूस के इस कदम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है। यूरोपीय संघ विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने रविवार को एक ट्वीट में रूस से उसके फैसले को बदलने को कहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि वैश्विक संस्था रूस के अधिकारियों के साथ संपर्क में है और यह जरूरी है कि सभी पक्ष अनाज संबंधी गतिविधियों को बाधित करने वाली कार्रवाई से बचें।
मास्को ने इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन के विद्युत संयंत्रों, जलाशयों और अन्य महत्वपूर्ण केंद्रों पर मिसाइल और ड्रोन हमले तेज कर दिये थे जिसे यूक्रेन की 40 प्रतिशत बिजली प्रणाली तबाह हो गयी।