परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो भयानक होंगे नतीजे
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 28, 2022 01:42 PM2022-10-28T13:42:18+5:302022-10-28T13:43:42+5:30
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला करता है या ऐसी स्थिति बनती है तो पूरे यूरोप, एशिया और अमेरिका में संघर्ष के पहले कुछ घंटों के भीतर कुल 90 मिलियन लोग मारे जाएंगे। धरती का पूरा क्लाइमेट सिस्टम ही बिगड़ जाएगा।
यूक्रेन को लेकर अमेरिका और रूस के बीच तनाव अपने चरम पर है। इसकी वजह है यूक्रेन में छिड़ी भीषण लड़ाई और लाखों लोगों के विस्थापन के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की चेतावनी दे डाली है। इसके जवाब में जो बाइडेन ने कहा है कि अगर रूस सामरिक परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है तो वह अविश्वसनीय रूप से गंभीर गलती करेगा।
रूस और यूक्रेन के बीच इस साल 24 फरवरी को शुरू हुई ये लड़ाई अब आठवें महीने में पहुंचने वाली है। सभी जानते हैं कि रूसी सेना ने यूक्रेन के कई बड़े शहरों को बर्बाद कर दिया है। इस युद्ध में अब तक दोनों ही देशों के लाखों सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं। अब व्लादिमीर पुतिन के बयान ने यूक्रेन के साथ-साथ पश्चिम देशों की भी चिंता बढ़ा दी है।
आशंका जताई जा रही है कि पुतिन यूक्रेन पर छोटे या सीमित दायरे वाले टैक्टिकल परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। परमाणु बम का इस्तेमाल किसी देश को कितना नुकसान पहुंचा सकता है इस बात से दुनिया अच्छी तरह वाकिफ है। 1945 में जापान परमाणु हमला झेल चुका है, लेकिन उस घटना की दहशत आज भी लोगों के मन में है। हमले के सालों बाद भी लोग मरते रहे।
इसके बाद से किसी भी देश ने इन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है। इस समय दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं, जिनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, इजरायल और उत्तर कोरिया शामिल हैं। ऐसे में पुतिन की इस धमकी के बाद लोगों के मन में सवाल उठना स्वाभाविक है कि अगर 1945 का परमाणु युद्ध इतनी बड़ी तबाही का कारण बना था तो दशकों बाद नई तकनीक से लैस परमाणु हमला कितना घातक हो सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला करता है या ऐसी स्थिति बनती है तो पूरे यूरोप, एशिया और अमेरिका में संघर्ष के पहले कुछ घंटों के भीतर कुल 90 मिलियन लोग मारे जाएंगे। धरती का पूरा क्लाइमेट सिस्टम ही बिगड़ जाएगा। अगर परमाणु युद्ध होता है तो धरती का तापमान कम हो जाएगा। क्योंकि इस हमले से निकलने वाला धुआं धरती की सतह पर जम जाएगा।
ये भी अनुमान है कि परमाणु युद्ध होने से कम-से-कम 10 प्रतिशत जगहों पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचेगी। इधर, पुतिन और उनके दफ्तर पर नजर रखने वाले यह पता लगाने में जुटे हैं कि रूसी राष्ट्रपति की परमाणु धमकियां केवल जुबानी हैं या वह सचमुच ऐसा कुछ कर सकते हैं। कई विश्लेषक फिलहाल यही कह रहे हैं कि पुतिन परमाणु हथियारों के सबसे बड़े जखीरे का इस्तेमाल करेंगे इसकी आशंका कम है। वह दुनिया को रूस की परमाणु ताकत का अहसास भर करा रहे हैं। लेकिन, अगर ऐसा होता है तो यह पृथ्वी के इतिहास में सबसे बड़े फैसलों में एक होगा।