भारत में कम हुई बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर चिंता! सर्वे में दावा, दुनिया में दूसरा सबसे सकारात्मक बाजार

By विनीत कुमार | Published: October 30, 2022 01:30 PM2022-10-30T13:30:49+5:302022-10-30T13:48:54+5:30

भारत में हाल में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को लेकर चिंता कम हुई है। एक सर्वे में ऐसा दावा किया गया है। इप्सोस (Ipsos) के सर्वे के अनुसार हालांकि कोरोना और यूक्रेन युद्ध का असर भारत पर भी काफी पड़ा है।

Worry about unemployment, corruption and inflation reduced in India, survey says second most positive market in world | भारत में कम हुई बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर चिंता! सर्वे में दावा, दुनिया में दूसरा सबसे सकारात्मक बाजार

भारत में कम हुई बेरोजगारी, भ्रष्टाचार पर चिंता! (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: शहरी भारतीय बेरोजगारी सहित आर्थिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार को लेकर चिंतित हैं। इप्सोस (Ipsos) के एक सर्वे में ये बात सामने आई है। वैसे, दिलचस्प बात यह है कि दस में से केवल दो शहरी भारतीय महंगाई को लेकर चिंतित दिखे। भारत को सर्वे 'व्हाट वरिज द वर्ल्ड' (दुनिया को कौन सी बात चिंतित करती है) के अक्टूबर के निष्कर्षों के अनुसार महंगाई की चिंता में 29 बाजारों में अंतिम स्थान पर रखा गया था।

दूसरी ओर वैश्विक नागरिकों के लिए महंगाई सबसे ज्यादा चिंता का विषय बनकर सामने आई, जो पिछले महीने की तुलना में 2% की वृद्धि दर्शाती है। विश्व स्तर पर नागरिक गरीबी और सामाजिक असमानता, बेरोजगारी, अपराध और हिंसा और वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार के मुद्दों के बारे में ज्यादा चिंतित नजर आए।

इप्सोस ने 23 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच इप्सोस ऑनलाइन पैनल सिस्टम के माध्यम से 29 देशों में नागरिकों के बीच सर्वेक्षण किया था। इप्सोस का 'व्हाट वरीज़ द वर्ल्ड' सर्वेक्षण आज के दौर में तमाम देशों में सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर जनमत को ट्रैक करता है।

कोरोना और यूक्रेन युद्ध का भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार पर असर

सर्वे के रिजल्ट पर टिप्पणी करते हुए भारत में इप्सोस के सीईओ अमित अदारकर ने कहा कि महामारी के साथ-साथ वैश्विक मंदी का प्रभाव भारत जैसे बाजारों में महसूस किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, 'भारत अभी भी कोरोना और यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से अर्थव्यवस्था की वैश्विक मंदी के प्रभाव से जूझ रहा है, जो नौकरियों को भी प्रभावित कर रहा है। इससे भ्रष्टाचार, अपराध और सामाजिक असमानता में वृद्धि हो रही है। यहां तक ​​कि महंगाई का प्रभाव भी नजर आ रहा है, हालांकि ईंधन की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार के कदमों के कारण भारत अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। बाढ़ और प्रतिकूल जलवायु प्रभाव शहरी भारतीयों को जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित कर रहे हैं। इन मुद्दों को पहले सरकार को देखने की जरूरत है।'

इस बीच सर्वे लोगों के बीच और उनके देशों में आशावाद और निराशावाद के स्तर को भी दर्शाता है। दूसरे सबसे सकारात्मक बाजार के रूप में उभरते हुए भारत ने इंडोनेशिया को पछाड़ दिया। वहीं, अधिकांश वैश्विक नागरिक अपनी अर्थव्यवस्थाओं के बारे में नकारात्मकता महसूस कर रहे हैं।

दरअसल, 76 फीसदी शहरी भारतीयों का मानना ​​है कि उनका देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। सऊदी अरब दुनिया के सबसे सकारात्मक बाजार बना हुआ है। इसके 93% नागरिकों का मानना ​​​​है कि उनका देश सही रास्ते पर है।

Web Title: Worry about unemployment, corruption and inflation reduced in India, survey says second most positive market in world

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