आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु का पूजन किया जाता है। समूचे भारतवर्ष में गुरु पूर्णिमा बड़ी श्रद्वा भक्ति से मनाई जाती है। सभी शिष्य अपने-अपने गुरु का पूजन करते हैं। चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अर्थवेद के प्रथम प्रख्याता व पराशर ऋषि के पुत्र कृष्ण द्वैपायन का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। वेदों का ज्ञान हमें व्यासजी से प्राप्त हुआ है, इसलिए वही आदिगुरु है। व्यासजी की स्मृति बनाए रखने के लिए हमें अपने अपने गुरु को व्यास जी का अंश मानकर श्रद्वा भक्ति से उनका पूजन करना चाहिए। Read More
सनातन धर्म में महर्षि वेदव्यास को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि ब्रह्मसूत्र, महाभारत और श्रीमद्भागवत जैसे 18 पुराणों के रचयिता का जन्म इस आषाढ़ माह की पूर्णिमा को हुआ था। इ ...
अपने करियर को संवारने में आचरेकर के योगदान की अक्सर चर्चा करने वाले तेंदुलकर ने ट्वीट किया, "गुरू वह होता है जो शिष्य में अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है।" ...
गुरु पूर्णिमा के मौके पर देश भर के साईं मंदिरों में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे हैं। गुरु पूर्णिमा के मौके पर सबसे विशेष आयोजन महाराष्ट्र स्थित शिरडी के साईं मंदिर में होता है। ...
Guru Purnima 2019 Chandra Grahan Best Wishes, Quotes Sms Message: इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इस लिहाज से 16 जुलाई की शाम 4.31 बजे से ही सूतक लगने जा रहा है। ऐसे में गुरु पूजा शाम 4.30 से पहले ही कर लेना शुभ होगा। ...