149 साल बाद गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण, रात 10.30 बजे से वृद्ध और गर्भवती महिलाओं को मानना चाहिए सूतक काल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 16, 2019 07:38 AM2019-07-16T07:38:37+5:302019-07-16T07:38:37+5:30
चंद्र ग्रहण का सूतक काल शाम 4 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगा. सूतक काल वृद्ध, बालक, रोगियों और गर्भवती महिलाओं को रात्रि 10.30 बजे से मानना चाहिए.
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (16 जुलाई) को गुरुपूर्णिमा मनाई जा रही है. लगभग 149 वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जब गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी पड़ेगा. हालांकि यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. इस संबंध में नागपुर के पंडित उमेश तिवारी ने बताया कि गुरु और गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में गुरुका सर्वश्रेष्ठ स्थान है गुरु, सर्वेश्वर का साक्षात्कार कराकर शिष्य को जन्म-मरण के बंधन से मुक्त कर देते हैं. यही वजह है कि देश भर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है.
पंडित उमेश तिवारी के अनुसार मंगलवार रात को इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. यह रात एक बजकर 31 मिनट से शुरू होकर चार बजकर 30 मिनट तक रहेगा. ऐसा 149 साल बाद होने जा रहा है जब गुरु पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण भी पड़ेगा. यह रात को तीन बजकर एक मिनट पर पूरे चरम पर होगा, जब धरती की छाया चंद्रमा के आधे से ज्यादा हिस्से को ढंक लेगी.
पंडित तिवारी के अनुसार ग्रहण का सूतक काल शाम 4 बजकर 30 मिनट से प्रारंभ होगा. सूतक काल वृद्ध, बालक, रोगियों और गर्भवती महिलाओं को रात्रि 10.30 बजे से मानना चाहिए. उन्होंने बताया कि सूतक काल में मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान भोजन, शयन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा भगवान का भजन करना चाहिए.