Guru Purnima 2020: इस साल एक ही दिन पड़ रहें हैं चंद्र ग्रहण और गुरू पूर्णिमा, जानें इस दिन क्या खाएं क्या नहीं

By प्रिया कुमारी | Published: July 4, 2020 04:56 PM2020-07-04T16:56:47+5:302020-07-04T16:56:47+5:30

इस साल 5 जुलाई गुरू पूर्णिमा के साथ-साथ चंद्रगहण भी पड़ रहा है। इस दिन खाने को लेकर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इस सात्विक भोजन ही खाएं।

Lunar eclipse and Guru Purnima are same day 5 july this year, know what to eat and not | Guru Purnima 2020: इस साल एक ही दिन पड़ रहें हैं चंद्र ग्रहण और गुरू पूर्णिमा, जानें इस दिन क्या खाएं क्या नहीं

इस साल एक ही दिन पड़ रहें हैं चंद्र ग्रहण और गुरू पूर्णिमा

Highlightsइस साल गुरू पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक ही दिन पड़ रहे हैं।गुरू पूर्णिमा के दिन क्या खाए और क्या नहीं खाएं।

5 जुलाई को चंद्र गहण लगने वाला है लेकिन इसके साथ ही गुरू पूर्णिमा भी एक ही दिन है। यह एक दिन शिक्षकों को याद करने के लिए है। गुरू पूर्णिमा सबसे शुभ हिंदू त्योहारों में से एक है। ये पूर्णिमा के दिन अषाढ़ के महीने में मनाया जाता है। इस दिन स्टूडेंट अपने गूरू को याद करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं। इस साल 5 जुलाई को गुरू पूर्णिमा पड़ रहा है और संयोग से चंद्रग्रहण भी इसी दिन है। लेकिन ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। 

गुरू पूर्णिमा के दिन क्या खाए और क्या नहीं

हिंदूओं में सबसे पहला गूरू भगवान को माना जाता है। इस दिन लोग जल्दी जगते हैं, भगवान की पूजा करते हैं उनका आशिर्वाद लेते हैं। साथ ही अपने गुरूओं को भी याद करते हैं। मंदिरों में दर्शनार्थियों को विशेष प्रसाद और मिठाई भेंट की जाती है। इसलिए कुछ लोग इस दिन उपवास रहते हैं। इस दिन मांसाहारी भोजन से परहेज करते हैं। इस दिन खिचड़ी, हलवा, पापड़, खीर इत्यादि से भरे हल्के सात्विक भोजन खाना खाते हैं। 

क्यों मनाते है गुरू पूर्णिमा

हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का विशेष महत्व है। हिंदुओं अनादि काल से गुरुओं को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। इतना ही नहीं गुरु को भगवान से पहले नमन किया जाता है। गुरु ही हमें अज्ञानता के अंधेरे से सही मार्ग की ओर ले जाते हैं। यही कारण है कि देशभर में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2020) पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है। इस साल कोरोना महामारी की वजह से लोग अपने घरों में रहकर ही गुरु पूर्णिमा मनाएंगे। मान्यता है कि इस दिन आदिगुरु, महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि संस्कृत के महान विद्वानों में महर्षि व्यास को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। 

महर्षि व्यास ने ही महाभारत (Mahabharat) की रचना की है। सभी 18 पुराणों की रचना भी महर्षि वेदव्यास ने ही की है। वेदों को विभाजित करने का श्रेय भी महर्षि व्यास को ही दिया जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) के रूप में भी मनाया जाता है। गौर करने वाली बात यह है कि इस साल भी पिछले साल की तरह गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भी पड़ रहा है। 

Web Title: Lunar eclipse and Guru Purnima are same day 5 july this year, know what to eat and not

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