पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना पूर्वी एशिया का देश है जिसे चीन के नाम से जाना जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश में कम्युनिस्ट शासन लागू है। इसकी सीमाएं भारत-पाकिस्तान और नेपाल से लगती है। सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश भी है। अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। Read More
शाह महमूद कुरैशी ने फिर कहा है कि भारत द्वारा किए जा रहे हालिया रक्षा सौदों से पाकिस्तान की संप्रभुता को खतरा है. पाक्सितान के विदेश मंत्री ने भारत द्वारा रूस से ख़रीदे जा रहे S-400 की डील पर आपत्ति जताई है. उन्होंने इसके लिए संयुक्त राष्ट्र और पश्चिम ...
वैश्विक विकास ऋणदाता अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने दुनियाभर की सरकारों को कर्ज की शर्तों को लेकर अधिक पारदर्शिता बरतने के लिये कहा है। उन्होंने सरकारों को ऋण पर बहुत अधिक निर्भर होने को लेकर भी आगाह किया।उन्होंने यह बात चीन के कर्ज के व ...
83 साल के दलाई लामा ने 60 वर्ष पहले चीनी शासन के खिलाफ विफल विद्रोह किया था और उसके बाद भारत की शरण ले ली थी। नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दलाई लामा एक बेहद लोकप्रिय वक्ता माने जाते हैं लेकिन हाल के वर्षों में उनकी वैश्विक व्यस्तता में कमी देखी गई ...
अमेरिका अगर भारत पर टैरिफ लगाता है तो यह कहीं से भी अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं होगा. ऐसे में हमारे प्रतियोगी बांग्लादेश, वियतनाम और कंबोडिया अमेरिकी बाजार में सस्ते समान पहुंचाकर भारत का विकल्प बन सकते हैं. ...
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने निर्वासन से लौटने के केवल पांच महीने बाद चुनावों में प्रचंड जीत हासिल करते हुए रविवार को सुधार करने और सरकारी भ्रष्टाचार को खत्म करने का संकल्प लिया। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (51) ने राष्ट्रीय संसद के शीर्ष पद पर जब ...
पीटीआई के मुताबिक, बीते शाम दिए गए अपने भाषण में उन्होंने कहा कि खबर मिली है कि चीन के तटरक्षक और सैंकड़ों मछुआरे पाग-असा द्वीप के इर्द-गिर्द मंडरा रहे हैं. दुर्तेते ने कहा, मैं तुमसे याचना नहीं करूंगा लेकिन कहता हूँ कि वहां से हट जाओ क्योंकि मेरे पास ...
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने दोहराया कि वह चीन से तिब्बत की स्वतंत्रता के इच्छुक नहीं हैं। दलाई लामा ने कहा कि 1974 में हमने स्वतंत्रता मांगने के बजाय आपसी सहमति वाले समाधान को पाने का निश्चय किया था। ...
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति में यह प्रस्ताव चार बार गिर चुका है, सिर्फ चीन के विरोध के कारण. अब सुरक्षा परिषद में यदि चीन ने वीटो नहीं किया या वह तटस्थ रहा तो प्रतिबंध की घोषणा हो जाएगी. ...