क्या डोनाल्ड ट्रंप चीन की तरह भारत पर भी 'टैरिफ अटैक' करने वाले हैं?
By विकास कुमार | Published: April 9, 2019 02:13 PM2019-04-09T14:13:26+5:302019-04-09T14:13:26+5:30
अमेरिका अगर भारत पर टैरिफ लगाता है तो यह कहीं से भी अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं होगा. ऐसे में हमारे प्रतियोगी बांग्लादेश, वियतनाम और कंबोडिया अमेरिकी बाजार में सस्ते समान पहुंचाकर भारत का विकल्प बन सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में कई बार भारत को हाई टैरिफ नेशन बताया है. उन्होंने कहा है कि अमेरिका भी भारत पर आयात शुल्क बढ़ा कर उसे सबक सिखाएगा. ट्रंप की इस धमकी को हल्के में लेना भारत को गंभीर आर्थिक परिणाम दे सकते हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात होने वाली 250 अरब डॉलर की वस्तुओं पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगाया था.
चीन ने भी अमेरिका से 110 अरब डॉलर के मूल्य के आयात पर टैरिफ लगाया था. लेकिन इससे चीन की अर्थव्यवस्था की ठीक-ठाक नुकसान उठाना पड़ा है. और अब अमेरिका और चीन बातचीत की मेज पर बैठ चुके हैं. चीन ने अमेरिका की कुछ मांगों को लेकर अपने तेवर ढीले किए हैं. अमेरिकी कंपनियां चीन पर बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप लगाती रही हैं.
भारत और अमेरिका के बीच कूल द्विपक्षीय व्यापार 2017 में 126 अरब डॉलर था. मोदी सरकार अमेरिका से डेयरी प्रोडक्ट्स का आयात नहीं करती है और इसका कारण अमेरिकी किसानों द्वारा उत्पादों में जानवरों के अपशिष्ट का इस्तेमाल बताती है, जिससे हिन्दुओं की भावना को ठेंस पहुंच सकती है.
वहीं अमेरिका से आयात होने वाले मेडिकल स्टंट्स पर भारी आयात शुल्क लगाया जाता है. जबकि इसका इस्तेमाल देश के एक अमीर वर्ग द्वारा ही किया जाता है. अमेरिका से आयात होने वाले सोलर पैनल पर भी भारी इम्पोर्ट ड्यूटी भारत सरकार द्वारा लगाया जाता है. अमेरिका ने इसकी शिकायत वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन में की है.
मोदी सरकार के दौरान विदेशों से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक, कृषि की वस्तुएं और टेक्सटाइल पर आयात शुल्क बढ़ा दिया गया है. एग्रीकल्चर और मेडिसिन के आयात में कमी करने के लिए और उनके दाम को नियंत्रित रखने के लिए भी ये किया गया होगा लेकिन इससे विदेशी निर्यातकों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप अक्सर भारत द्वारा हार्ले-डेविडसन बाइक पर भारी मात्र में लगाये जा रहे आयात शुल्क की आलोचना करते हैं लेकिन भारत सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है. भारत में हर साल मात्र 100 हार्ले-डेविडसन की बिक्री होती है और ऐसे में सरकार को आयात शुल्क पर छूट देकर डोनाल्ड ट्रंप को एक छोटी से भेंट दे देनी चाहिए थी लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है.
अमेरिका अगर भारत पर टैरिफ लगाता है तो यह कहीं से भी अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं होगा. ऐसे में हमारे प्रतियोगी बांग्लादेश, वियतनाम और कंबोडिया अमेरिकी बाजार में सस्ते समान पहुंचाकर भारत का विकल्प बन सकते हैं. कोई भी अर्थव्यवस्था बिना विदेशी बाजार और निवेश के फल-फूल नहीं सकती.