आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन यहां संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने और प्रति साल दो करोड़ रोजगार देने के अपने चुनावी वादे पू ...
पिछले कुछ दिनों से राज्य में पूर्वोत्तर की तरह धारा 371 लागू कर राज्य के लोगों को विशेषाधिकार देने की चर्चा स्थानीय भाजपा नेता छेड़े हुए हैं। हालांकि कल देर रात राजभवन ने इसके प्रति विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र की ओर ...
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बीते बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून में बदल गया। ...
14 फरवरी को पुलवामा में हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमले से लेकक नागरिकता कानून के खिलाफ असम में हो रही हिंसा तक, नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दे पर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया बेहद प्रभावशाली रही है। ...
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के रिपोर्ट पर कहा कि ऐसा लगता है कि गलत सूचना फैलाई गई और किसी भी नाबालिग को गैरकानूनी रूप से डिटेन नहीं किया गया। ...
केंद्र के इस कदम से पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा चालू हो गई है, ऐसा दर्द देकर वह किस तरह की राजनीति करना चाहती है। विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) को लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद बृहस्पतिवार रात को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मंज ...
अनुच्छेद 370: न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, ‘‘हम सभी पक्षकारों की शुरूआती दलीलें सुनने के बाद ही इस विषय को वृहद पीठ के पास भेजने के सवाल पर विचार कर सकते हैं।’’ ...