आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ने कहा था कि धारा 370 हटने से आतंकवाद खत्म हो जाएगा। इसे हटाए हुए कितने साल हो गए हैं? ...
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के अपने तीन दिवसीय दौरे के आखिरी दिन बारामूला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे ही मतदाता सूची तैयार करने का काम पूरा होगा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ होंगे। ...
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि "यह एक ऐसा रिश्ता है जिसने न तो पाकिस्तान की अच्छी तरह से सेवा की है और न ही अमेरिकी हितों की सेवा की है। यह वास्तव में आज अमेरिका के लिए है कि वह इस बात पर विचार करे कि इस संबंध के गुण क्या हैं और इससे उन्हें ...
शाह फैसल ने याचिका वापस लेने का फैसला इस साल अप्रैल में भारतीय प्रशासनिक सेवा में वापस लेने और संस्कृति मंत्रालय में उप सचिव नियुक्त किए जाने के महीनों बाद किया। ...
33 सालों के निर्वासित जीवन यापन के बाद आज भी उन्हें अपने वतन की याद तो सता ही रही है साथ ही रोजी-रोटी तथा अपने भविष्य के लिए कश्मीर ही ठोस हल के रूप में दिख रहा है। लेकिन इस सपने के पूरा होने में सबसे बड़ा रोड़ा यही है कि कश्मीर में अब उनका कोई अपना ...
कई सालों से कश्मीर में दशहरा मना कर कश्मीरी पंडितों ने अपने दिलों में रुके पड़े सैलाब को तो बाहर निकाल दिया पर ये सब वे अपनी जन्मभूमि में वहां के वाशिंदे बन कर नहीं बल्कि ‘पर्यटक’ बन कर ही कर पा रहे थे। ...
रविवार गुलाम नबी आजाद ने अपनी पार्टी बनाने की तैयारियों के बीच कहा कि वह अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर लोगों को गुमराह नहीं करेंगे, क्योंकि संसद में केवल दो तिहाई बहुमत वाली सरकार ही प्रावधान की बहाली सुनिश्चित कर सकती है। ...